हरियाणा को 600 MW और बिजली मिलेगी:किशाऊ डैम को लेकर CM सैनी की शाह से चर्चा; 5400 एकड़ जमीन पर बनेगा, 8000 करोड़ खर्च होगा

by Carbonmedia
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हरियाणा को 600 मेगावाट और बिजली मिलने की उम्मीद है। इसकी वजह हिमाचल प्रदेश की जमीन में बनने वाला किशाऊ डैम है। दरअसल, केंद्र सरकार के सहयोग से हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारों को किशाऊ डैम बनवाना है, जो कि 5400 एकड़ जमीन में बनेगा और उस पर 7 से 8 हजार करोड़ रुपए की लागत आनी है। वर्तमान में, हरियाणा को अपनी 47% जल आपूर्ति किशाऊ डैम से होती है। किशाऊ प्रोजेक्ट के सफल होने से हरियाणा को लगभग 500 से 600 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने की उम्मीद है। इसको देखते हुए सीएम सैनी ने अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस परियोजना को लेकर बात की है। सीएम सैनी ने भी स्पष्ट किया है कि किशाऊ डैम को लेकर उनकी चर्चा हुई है, जल्द ही इस पर अच्छी खबर आने की उम्मीद है। इंटर स्टेट मुद्दा सुलझाना चाहते हैं दोनों राज्य हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सरकारें इंटर स्टेट मुद्दों और विवादों को सुलझाने पर सहमत हो गए हैं। हिमाचल की सीमा पर बनाए जाने वाले किशाऊ बांध के निर्माण में तकनीकी व कानूनी बाधाओं को दूर करने पर दोनों राज्यों में सहमति बनी है। इसके अलावा किशाऊ बांध के निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए दोनों राज्यों की कमेटियां बनाने पर सहमति बन चुकी है, जिसके बाद इसी साल 10 जनवरी को दोनों राज्य ने इस प्रोजेक्ट को लेकर तकनीकी कमेटियां बनाई हैं। हरियाणा में बीजेपी, हिमाचल में कांग्रेस की सरकार हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव स्तर की वार्ता दोनों राज्यों में काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत हो रही है। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, जबकि हरियाणा में भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद दोनों राज्यों में अंतरराज्यीय मसलों को लेकर बहुत अधिक विवाद नहीं है।हरियाणा ने जब पंजाब से एसवाईएल नहर का पानी प्राप्त करने के लिए वैकल्पिक रास्ता चुनने की बात कही थी, तब हिमाचल प्रदेश की सरकार ने इसमें रुचि दिखाई थी। हालांकि बाद में हरियाणा की ओर से ऐसे कोई गंभीर प्रयास नहीं किए गए और एसवाईएल नहर के निर्माण से लेकर पानी प्राप्त करने तक कानूनी रास्ता ही अपनाने पर जोर दिया। हरियाणा उठा चुका पानी की कमी का मुद्दा चंडीगढ़ में मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में हरियाणा की ओर से तत्कालीन मुख्य सचिव संजीव कौशल और हिमाचल प्रदेश की ओर से वहां के मुख्य सचिव ने भागीदारी की थी। सिंचाई, वित्त और बिजली विभाग के अधिकारी भी इस मीटिंग में शामिल हुए। हरियाणा ने बैठक में अपने राज्य में पानी की कमी का मुद्दा उठाया। 35 % पानी को कवर करने के लिए डैम जरूरी हरियाणा की ओर से कहा गया कि यदि किशाऊ डैम बन जाए तो हथनीकुंड बैराज से क्रास होने वाला पानी रोका जा सकेगा। पहाड़ों से आने वाला 65 प्रतिशत पानी अलग-अलग चैनलों के माध्यम से कवर हो जाता है, लेकिन बाकी बचे 35 प्रतिशत पानी को कवर करने के लिए किशाऊ डैम का जल्दी बनना जरूरी है। इससे यमुना में आने वाली बाढ़ को भी रोकने में मदद मिलेगी तथा बरसात व बाढ़ के दिनों में अतिरिक्त पानी दिल्ली जाने से रोका जा सकेगा, जो कि वहां नुकसान करता है। हिमाचल पंचकूला में मांग चुका जमीन हिमाचल प्रदेश की ओर से कहा गया है कि पीजीआई चंडीगढ़ समेत यहां सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थानों में हिमाचल प्रदेश के हजारों-लाखों लोग इलाज के लिए आते हैं, लेकिन उनके रुकने का इंतजाम नहीं होता। चंडीगढ़ में ऐसे मरीजों व उनके तीमारदारों के लिए रुकना काफी खर्चीला होता है। इसलिए हिमाचल प्रदेश की सरकार चंडीगढ़ या पंचकूला में एक भवन का निर्माण करना चाहती है, जिसमें लोग रुक सकें। इसके लिए हिमाचल प्रदेश की ओर से पंचकूला में तीन से चार जगह चिन्हित की है। इन जमीनों के प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश की सरकार की ओर से हरियाणा सरकार को दे दिए जाएंगे। तब हरियाणा सरकार किसी एक जगह को मंजूरी प्रदान कर सकती है। हरियाणा किशाऊ डैम की बिजली खरीदने की जता चुका इच्छा बैठक में किशाऊ डैम में बनने वाली बिजली की खरीद की इच्छा हरियाणा सरकार जता चुका है, जिस पर हिमाचल प्रदेश की ओर से कहा गया कि तब के मानदंडों के हिसाब से समझौता होने पर हमें कोई ऐतराज नहीं है। इस डैम से हरियाणा पांच सौ से छह सौ मेगावाट तक बिजली खरीद की इच्छा रखता है। बैठक में तय हुआ कि अंतरराज्यीय मसलों के समाधान के लिए दोनों राज्य सरकारों की ओर से लिखित प्रस्ताव और प्रतिवेदनों का आदान प्रदान किया जाए, जिससे उन पर विधिवत रूप से आगे बढ़ा जा सके।

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