हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग (RTS) ने एक मामले में पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया है। आरटीएस की ओर से तय समय में सेवाएं न देने के लिए एसडीई पर 10 हजार रुपए का जुर्माना और 5 हजार रुपए का मुआवजा शिकायतकर्ता हांसी निवासी कुलदीप सिंह को देने का आदेश दिया है। यह राशि जून 2025 के वेतन से काटी जाएगी। आयोग की जांच में पाया कि इसी साल 3 फरवरी को दिए गए जल आपूर्ति बहाल करने के आवेदन पर सेवा की निर्धारित समय सीमा 6 फरवरी 2025 थी, लेकिन सेवा 8 मई 2025 को आयोग के अंतरिम आदेश के बाद ही बहाल हुई। इस पर आयोग ने ये फैसला सुनाया है। तीन शिकायतों को भी SDE ने खारिज किया शिकायतकर्ता की तीन पिछली शिकायतों को गलत तरीके से बंद किया गया, जिसकी पुष्टि आयोग द्वारा पहले ही की जा चुकी है। शिकायतकर्ता द्वारा 12 जून 2025 को भेजे गए ईमेल में एसडीई के रवैये को “लापरवाह और उदासीन” बताते हुए आम नागरिकों के साथ होने वाली समस्याओं को उजागर किया गया था। आयोग की सुनवाई में भी नहीं पहुंचे अधिकारी आयोग ने एफजीआरए-कम-एक्सईएन संजीव कुमार त्यागी की भूमिका को भी अत्यंत असंतोषजनक पाया है। आयोग के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद उन्होंने मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया और बिना सुनवाई के ही तीनों शिकायतों को केवल अधीनस्थ कर्मियों की रिपोर्ट के आधार पर बंद कर दिया। इतना ही नहीं, आयोग की सुनवाई में भी वह बिना सूचना के अनुपस्थित रहे। विधानसभा में रखी जाएगी एनुअल रिपोर्ट आयोग ने यह उल्लेख किया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पहले ही 18 सितंबर 2024 को आयोग की उपस्थिति में एक प्रशिक्षण सत्र के माध्यम से विधिक दायित्वों के प्रति संवेदनशील किया गया था, फिर भी ऐसी लापरवाहियां दोहराई जा रही हैं। इसलिए आयोग ने सेवा अधिकार अधिनियम के तहत एक्स.ई.एन. के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही आरंभ करने की संस्तुति विभाग के आयुक्त एवं सचिव को की है तथा उनसे 30 दिनों के भीतर की गई कार्रवाई की जानकारी आयोग को देने का आग्रह किया है। यह रिपोर्ट आयोग की वार्षिक रिपोर्ट 2025-26 में शामिल की जाएगी, जिसे हरियाणा विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।
हरियाणा पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के SDE पर कार्रवाई:10 हजार फाइन लगाया, 5 हजार पीड़ित को देने होंगे; जून की सैलरी से कटेगा पैसा
4