हरियाणा में अब पेपरलेस डीड होगी:CM सैनी के गांव से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट; ऑनलाइन होगा वेरिफिकेशन, पहले 30% तक मिलती थी कमियां

by Carbonmedia
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हरियाणा में अब पेपरलेस डीड होगी। इसको लेकर हरियाणा सरकार 11 अगस्त से सीएम नायब सैनी के गांव नारायणगढ़ में ऑनलाइन पेपरलेस डीड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है। इसकी पुष्टि करते हुए हरियाणा की राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट आम जनता के लिए लैंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम को सरल और कारगर बनाने के लिए बनाया गया है। इस नागरिक-अनुकूल प्रणाली के तहत, संपत्ति खरीदार और विक्रेता अपनी सुविधानुसार ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ले सकेंगे। डॉ. मिश्रा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य जनता के संपर्क या प्रत्यक्ष उपस्थिति को कम करना है। 30% डीड में मिलती थी कमियां पहले, अपॉइंटमेंट के दिन ही डाक्यूमेंट की जांच होती थी, जिससे आपत्तियों या दस्तावेजों की कमी के कारण डीड पंजीकरण में 30% तक फेल हो जाते थे। अब, इस टेम्प्लेट-आधारित आवेदन मॉड्यूल के साथ, आवेदन को वेरिफाइ के लिए संबंधित तहसील कार्यालय भेजा जाएगा और उसी पोर्टल पर अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, आवेदक भुगतान प्रक्रिया पूरी कर सकता है और अपॉइंटमेंट स्लॉट बुक कर सकता है। आवेदक को अपॉइंटमेंट वाले दिन केवल फोटोग्राफ और हस्ताक्षर, बायोमैट्रिक्स के लिए उपस्थित होना होता है, जहां उनका स्वीकृत आवेदन पहले से ही ऑनलाइन होता है। नहीं लगना होगा लंबी लाइन में डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस सेचुरेटेड सिस्टम से वेटिंग समय कम होने, कतारें खत्म होने और प्रक्रियात्मक अक्षमताओं को कम करने की उम्मीद है, जिससे जनता को अधिक पेशेवर और सहज अनुभव प्राप्त होगा। नए मॉडल की एक प्रमुख विशेषता लेन-देन में बढ़ी हुई पारदर्शिता है। सभी राजस्व रिकॉर्ड वास्तविक समय में अपडेट किए जाएंगे और किसी संपत्ति पर किसी भी मौजूदा विवाद, ऋणभार या लंबित ऋण को पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान स्वचालित रूप से चिह्नित किया जाएगा, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों ही सूचित-निर्णय ले सकेंगे। रेवेन्यू की चोरी रूकेगी डॉ. मिश्रा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सुधार रेवेन्यू लीकेज को रोकेगा, सरकारी आय में वृद्धि होगी और भूमि संबंधी लेन-देन में अधिक विश्वास और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा। आवेदकों को आवश्यक दस्तावेजों की एक स्पष्ट चेकलिस्ट भी प्रदान की जाएगी, जिससे सटीकता सुनिश्चित होगी और अधूरे प्रस्तुतीकरण के कारण अस्वीकृति कम होगी।डॉ. मिश्रा ने आगे बताया कि अपने व्यापक डिजिटल परिवर्तन एजेंडे के तहत, विभाग इस प्रणाली का विस्तार करके इसमें ऑनलाइन सीमांकन सेवाएँ, स्वतः नामांतरण आदि सेवाएं शामिल करने की योजना बना रहा है। नारायणगढ़ के बाद पूरे प्रदेश में होगा लागू नारायणगढ़ में पायलट परियोजना को राज्यव्यापी कार्यान्वयन की दिशा में एक खास कदम माना जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह पहल पूरे हरियाणा में भूमि पंजीकरण को एक डिजिटल रूप से संचालित, कुशल और पारदर्शी प्रक्रिया में बदल देगी, जो उत्तरदायी शासन और जन-केंद्रित सुधारों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

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