हरियाणा में जिओ फेसिंग हाजिरी का विरोध:हेल्थ वर्करों-डॉक्टरों ने लगाए काले बिल्ले; 4 अगस्त को करेंगे एक घंटे का कार्य बहिष्कार

by Carbonmedia
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सोनीपत समेत हरियाणा की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में कार्यरत डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों ने सोमवार को जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति दर्ज करने के आदेश के विरोध में काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य विभाग अधिकारी कर्मचारी तालमेल कमेटी नेकहा गया है कि यदि 3 अगस्त तक यह आदेश वापस नहीं लिया गया तो 4 अगस्त को सुबह 10 से 11 बजे तक एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के प्रधान डॉ. राजेश ख्यालिया, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष शर्मिला देवी, हरियाणा हेल्थ मिनिस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अमित बुरा सहित विभिन्न संगठनों के नेताओं ने कहा कि जब स्वास्थ्य विभाग में सभी अधिकारी और कर्मचारी पहले से ही बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, तो जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति का कोई औचित्य नहीं बनता। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि 4 अगस्त को कार्य बहिष्कार के साथ जिला मुख्यालयों पर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय पर गेट मीटिंग की जाएगी और सिविल सर्जन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। यदि इसके बाद भी आदेश वापस नहीं लिए गए तो 10 अगस्त को पुनः बैठक कर अगले आंदोलन की घोषणा की जाएगी। गौरतलब है कि 8 जुलाई को तालमेल कमेटी के नेताओं ने स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव को ज्ञापन सौंपा था, जिसकी प्रतियां अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य के महानिदेशक और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक को भी दी गई थीं। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों से बातचीत कर समस्या का समाधान निकालने और किसी को जियो फेंसिंग लोकेशन आधारित उपस्थिति के लिए बाध्य न करने का भरोसा दिया था। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि मंत्री के आश्वासन के बावजूद कुछ अधिकारी इन गैर-कानूनी आदेशों को वापस लेने की बजाय सरकार और स्वास्थ्य कर्मचारियों में टकराव पैदा कर विभाग को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इन आदेशों को अव्यवहारिक और गैर-कानूनी बताते हुए इसे भारतीय संविधान में वर्णित निजता के अधिकारों का हनन एवं सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन बताया है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि कोरोना काल में जिन चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों पर फूल बरसाए गए, यह आदेश राज्य के अन्य किसी विभाग पर लागू न करके केवल स्वास्थ्य विभाग में ही लागू किया जा रहा है, जो स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल तोड़ने का प्रयास माना जा रहा है।

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