हरियाणा में नए कलेक्टर रेट पर CM की मंजूरी:रजिस्ट्री के लिए अपॉइंटमेंट्स रोकीं; अब नई दरों पर ही होंगी रजिस्ट्रियां, 25% बढोतरी संभव

by Carbonmedia
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हरियाणा में नए कलेक्टर रेट बढ़ने को लेकर अब कोई संशय नहीं रहा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सूबे में बढ़ने वाले नए कलेक्टर रेट की फाइल को मंजूरी दे दी है। अब एक अगस्त से ही इन्हें लागू कर दिया जाएगा। CM की मंजूरी के बाद तहसीलों में नए रजिस्ट्री के अपॉइंटमेंट को फ्रीज कर दिया गया है। अब 29 से लेकर 31 जुलाई तक कोई भी नई रजिस्ट्री नहीं होगी। सिर्फ उन्हीं रजिस्ट्रियों को किया जाएगा, जिनका पहले अपॉइंटमेंट लिया जा चुका है। रेवेन्यू डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर आज सभी जिलों के DC को लेटर जारी कर दिया जाएगा। इससे पहले राजस्व विभाग की तरफ से 24 जुलाई को सभी मंडल आयुक्तों तथा जिला उपायुक्तों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। नए कलेक्टर रेट के लिए विभिन्न स्थानों पर 5 से 25 % तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था। बता दें कि पिछले साल पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव होने की वजह से 1 अप्रैल 2024 की बजाय 1 दिसंबर 2024 से कलेक्टर रेट बढ़ाए गए थे। उसके बाद 1 अप्रैल 2025 से कलेक्ट रेट बढ़ाना टाल दिया गया था, जो अब बढ़ाए जा रहे हैं। 24 जुलाई को जारी हुए लेटर की कॉपी… FCR ने दे दिए थे रेट बढ़ने के संकेत
राज्य की वित्तायुक्त सुमिता मिश्रा (FCR) ने लेटर जारी होने के बाद स्पष्ट किया था कि सरकार ने नए कलेक्टर रेट लागू करने का फैसला जरूर लिया है, लेकिन इसे अंतिम रूप देने से पहले तय प्रक्रिया अपनानी होगी। जैसे कलेक्टर रेट की सूची को सार्वजनिक करना, उस पर आमजन से आपत्तियां और सुझाव मंगवाना जैसे चरण शामिल हैं। फिलहाल यह सूची सार्वजनिक नहीं की गई है, जबकि नियमों के मुताबिक इसे कम से कम एक महीने पहले सार्वजनिक कर आपत्तियां मांगी जाती हैं। यह उनका बयान तब आया था जब नए रेट को लेकर विवाद शुरू हो गया था। अभी तक नीचे दिए गए रेटों पर हो रही थी रजिस्ट्री… 24 जुलाई को जारी नए कलेक्टर रेटों को लेकर आदेश में क्या था… पिछले साल की गई 12 से 32 प्रतिशत बढ़ोतरी
पिछले साल जमीन के कलेक्टर रेट 12 से 32 प्रतिशत तक बढ़ाए गए थे। देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक होने के कारण एनसीआर में जमीन बहुत अधिक महंगी है, इसलिए वहां कलेक्टर रेट बाकी जिलों से काफी अधिक रखे गए थे। इनमें रोहतक, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, बहादुरगढ़, सोनीपत, करनाल और पानीपत में 20 प्रतिशत और गुरुग्राम, सोहना, फरीदाबाद, पटौदी और बल्लभगढ़ के कलेक्टर रेट में 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई थी। इस बार भी यहां रेट ज्यादा होने के आसार हैं। 3 माह पहले कलेक्टर दरों पर नहीं हुआ था फैसला
हरियाणा में 2025-26 के लिए कलेक्टर दरों में बढ़ोतरी नहीं हो सकी थी। करीब 3 महीने पहले सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में संशोधन को लेकर बैठक हुई थी। मगर, सीएम ने संशोधन को स्थगित कर दिया था। उस वक्त कहा गया था कि पहले की दरें ही इस साल लागू रहेंगी। इसको लेकर राजस्व विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए थे। साथ में ये भी जोड़ा गया था कि राज्य में प्रॉपर्टी के लेन-देन और स्टांप शुल्क कलेक्शन को प्रभावित करने वाली मौजूदा दरें अगले आदेश तक लागू रहेंगी। जिलों ने अपने आप ही 10 से 25% प्रस्ताव बना डाले
कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी को लेकर कुछ जिलों ने स्वयं ही 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश करते हुए प्रस्ताव तैयार कर लिए थे। यहां तक ​​कि इन दरों को अपलोड करके सार्वजनिक आपत्तियां भी आमंत्रित करने की तैयारी कर ली थी। जबकि सरकार द्वारा ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मांगी गई थी। सूत्रों ने बताया कि कलेक्टर दरों में संशोधन को स्थगित करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि पिछली बार संशोधन 4 महीने पहले ही हुआ था। 2 चुनावों के कारण लटका था संशोधन
राजस्व विभाग के सूत्रों ने बताया कि 2024 में लोकसभा चुनाव के कारण अप्रैल में वार्षिक संशोधन स्थगित कर दिया गया था। चुनाव समाप्त होने के बाद भी दरों में संशोधन नहीं किया जा सका था। इसी वजह ये थी कि राज्य में विधानसभा चुनाव अगस्त में घोषित हो गए थे। नई सरकार ने अक्टूबर में कार्यभार संभाला और कलेक्टर दरों में संशोधन पिछले साल यानी दिसंबर 2024 में ही किया था। इसी वजह से उसके बाद 1 अप्रैल 2025 से कलेक्ट दरों नहीं बढ़ाया गया था। यहां जानिए क्या हैं कलेक्टर रेट और कौन तय करता है… जमीन की न्यूनतम कीमत, इससे कम में बिक्री नहीं
कलेक्टर रेट किसी भी जिले में जमीन की वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर कोई रियल एस्टेट प्रॉपर्टी खरीदार को बेची जा सकती है। इसी पर तहसीलों में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है। कलेक्टर रेट समय-समय पर बदलता रहता है, जो स्थान और बाजार के रुझान पर निर्भर करता है। हर साल तय होता है कलेक्टर रेट
राज्य सरकार की तरफ से फैसला लिया गया था कि यह रेट हर साल संशोधित किए जाएंगे। जिसमें रेट बढ़ाने के साथ घटाए भी जा सकते हैं। मनोहर लाल खट्‌टर ने सीएम रहते अधिकारियों से पूरे प्रदेश में एक समान पद्धति बनाने को कहा था, जिसके बाद से यह नीति अमल में लाई गई। कलेक्टर रेट बढ़ने से महंगी होगी रजिस्ट्री
अगर 1 अगस्त से कलेक्टर रेट की नई दरें लागू होती हैं तो मकान, प्लॉट, कॉमर्शियल व कृषि योग्य जमीन की रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी। रजिस्ट्री पर लगने वाली स्टांप ड्यूटी महंगी हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर वर्तमान में किसी जमीन की रजिस्ट्री में 1 लाख रुपए स्टांप ड्यूटी लगती है और वहां 20% कलेक्टर रेट बढ़ गए हैं, ऐसे में स्टांप ड्यूटी 1 लाख की बजाय 1.20 लाख रुपए लगेगी।

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