हरियाणा में लॉरेंस-काला राणा के गुर्गों की जेल बदली:STF की रिपोर्ट पर कार्रवाई; 117 लोकल गैंगस्टरों के नाम, शराब ठेकेदारों को धमकियां दी

by Carbonmedia
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विदेश में बैठे लॉरेंस बिश्नोई और काला राणा गैंगस्टरों के हरियाणा की जेलों में बंद गुर्गों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की रिपोर्ट पर जेल विभाग ने 117 से ज्यादा बड़े गैंगेस्टरों की जेलों को बदल दिया है। इनमें उत्तरी हरियाणा के 5 जिलों की जेलों में बंद अपराधियों को दक्षिण हरियाणा की जेलों में भेजा गया है। एसटीएफ का सबसे ज्यादा फोकस अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और करनाल जेलों में बंद कई अपराधियों को शिफ्ट करने पर था, जो लंबे समय से गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई और काला राणा सरीखे गैंग के लिए काम कर रहे थे। इनमें यमुनानगर की जेल से 8 ऐसे अपराधियों को नारनौल और फरीदाबाद भेजा गया है, जिनका पिछले कई अपराधों में सीधे तौर से नाम आया था। एसटीएफ की ओर दिए गए इनपुट में बताया गया था कि अपराधियों की वजह से उत्तरी हरियाणा के कई जिलों में फिरौती मांगने और गोली चलाने की वारदातें बढ़ी हैं। मनीष, राजन जाट, शुभम सहित कई गुर्गे दूसरे जेलों में शिफ्ट हुए एसटीएफ और जेल विभाग के सूत्रों की मानें तो जीटी रोड बेल्ट में आतंक का पर्याय बने कई अपराधियों को अब दक्षिण हरियाणा की जेलों में शिफ्ट किया जा चुका है। इनमें मनीष सिंघारी, राजन जाट, बंटी कौशल, विकास मनचंदा और शुभम बिगनी जैसे बड़े अपराधी शामिल हैं। बताया गया कि राजन जाट और शुभम बिगनी जैसे कई लोग गैंगेस्टर लारेंस और काला राणा गैंग के लिए काम करते हैं जिन पर एसटीएफ की लंबे समय से नजर थी। एसटीएफ की ओर से जेल विभाग को कई दिन पहले यह सूची दी गई थी। एसटीएफ के अफसरों ने कहा था कि यदि इन अपराधियों को दूर की जेलों में शिफ्ट किया जाता है तो आए दिन हो रहे अपराधों में कमी आ सकती है। शराब ठेकेदारों को धमकी देने में इनकी भूमिका एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो प्रदेश में शराब ठेकों की बोली नहीं होने देने में इन अपराधियों की बड़ी भूमिका पाई गई है। एस.टी.एफ. की जांच में पाया गया है कि बड़े गैंगेस्टर से जुड़े इनमें से कई अपराधियों ने जेल के अंदर से ही शराब ठेकेदारों पर गोली चलवाने की योजना बनाई थी और इसके कई सबूत भी एसटीएफ के हाथ लगे हैं। खासतौर से यमुनानगर जिले में शराब ठेकों की नीलामी तय समय से बहुत देरी से हुई थी। क्या बोले डीजी जेल हरियाणा के डीजी जेल आलोक कुमार राय ने कहा कि एसटीएफ की रिपोर्ट पर इन अपराधियों को दूसरी जेलों में शिफ्ट किया जा चुका है। अब ऐसे अपराधियों से सांठ-गांठ रखने वाले जेल कर्मियों की भी जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरी हरियाणा की कई जेलों में जेल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। जिनमें उनकी ओर से अपराधियों को मोबाइल फोन उपलब्ध करवाया जाता था। डीजी जेल ने कहा कि अब जेलों से नेटवर्क चलाने वाले अपराधियों की खैर नहीं है और अपराधियों का सहयोग करने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी छोड़े नहीं जाएंगे।

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