हरियाणा सरकार ने आवारा गोवंश की समस्या पर लगाम लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब यदि कोई व्यक्ति अपने पालतू गोवंश (गाय, बैल) को सड़कों पर खुला छोड़ेगा तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस निर्णय का उद्देश्य सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं, ट्रैफिक जाम और जनसुरक्षा के खतरे को कम करना है। सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार स्थानीय प्रशासन को सख्त निगरानी रखने और नियमों का उल्लंघन करने वाले पशु मालिकों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। गोवंश मालिकों को अपने पशुओं की उचित देखरेख करनी होगी। गोवंश को खुला छोड़ना गैरकानूनी माना जाएगा। सड़कों पर 30000 से अधिक आवारा गोवंश हरियाणा में 686 गोशाला हैं। गौ सेवा आयोग के गठन सड़कों पर आवारा घूमने वाले गोवंश और नंदियों को गोशालाओं तक पहुंचाने का काम तेज गति से किया जा रहा है। हालांकि शुरुआत में सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं की संख्या डेढ़ लाख के आसपास थी, लेकिन अब यह घटकर 30000 के आसपास रह गई है। इन्हें भी धीरे धीरे करके गोशाला तक पहुंचाया जा रहा है। जिसके लिए नगर निगम, पालिका और पंचायत स्तर पर मौजिज व्यक्तियों की डयूटियां लगाई गई है। यहां पढ़िए किन शिकायतों पर दर्ज की गई FIR… 1. पशु क्रूरता, समय से चारा नहीं देना जैसी मिल रही शिकायतें हरियाणा सरकार ने पशु क्रूरता के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य के तीन जिलों गुरुग्राम, हिसार और पंचकूला में पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आधा दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं। अधिकारियों के अनुसार दर्ज मामलों में पशुओं को खुले में छोड़ना, समय पर चारा-पानी न देना और अमानवीय व्यवहार जैसी शिकायतें शामिल हैं। इन शिकायतों की पुष्टि के बाद कानूनी कार्रवाई की गई है। 2. प्रशासन दो बार लगाएगा फाइन, फिर होगी FIR सरकार ने स्पष्ट किया है कि पशुओं के साथ किसी भी तरह की क्रूरता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं पर तुरंत सख्त कदम उठाए जाएंगे। साथ ही आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। खास बात यह है कि स्थानीय प्रशासन द्वारा पहले ऐसे मालिकों पर दो बार जुर्माने की कार्यवाही की जाती है। तीसरी दफा एफआईआर दर्ज होती है। CCTV से की जाएगी निगरानी हरियाणा-पंजाब सीमा समेत अन्य राज्यों की सीमाओं पर आवारा पशुओं की अवैध एंट्री को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। हाल ही में सामने आए मामलों में यह बात उजागर हुई है कि कुछ लोग जानबूझकर अपने आवारा पशुओं को हरियाणा सीमा में छोड़ रहे हैं। जिससे न केवल सड़क हादसों का खतरा बढ़ रहा है बल्कि किसानों की फसलें भी बर्बाद हो रही हैं। प्रशासन ने सीमावर्ती गांवों के सरपंचों और स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे मामलों पर नजर रखें और आवश्यकता पड़ने पर एफआईआर दर्ज करें। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरों की मदद से सीमाओं की निगरानी भी तेज कर दी गई है।
हरियाणा में सड़कों पर पालतू गोवंश दिखने पर होगी FIR:ऐसे पशुपालकों की होगी पहचान; CCTV कैमरों से निगरानी होगी, हिसार सहित 3 जिलों में कार्रवाई
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