हरियाणा में यूरिया और डीएपी खाद की अधिक खपत को सरकार ने गंभीरता से लिया है। हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 20 या इससे अधिक बोरी खाद खरीदने वाले किसानों का ग्राउंड लेवल पर वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभाग के डायरेक्टर ने इस संबंध में सभी जिलों के कृषि उपनिदेशकों (DDA) को निर्देश जारी कर दिए हैं और आज से ही वेरिफिकेशन शुरू हो गया है। जिलों के डीडीए को जारी लेटर में खरीफ सीजन के दौरान यूरिया की बिक्री में बढ़ोतरी की ओर इशारा किया गया है। साथ ही यूरिया-DAP के दुरुपयोग और हेराफेरी का भी शक जताया गया है। अभी विभाग ने यूरिया के दुरुपयोग और कालाबाजारी रोकने के लिए जिलों में लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने रिटेल स्टोर पर खादों की बिक्री की निगरानी के लिए कृषि और पुलिस विभाग के अधिकारियों सहित उड़न दस्ते गठित किए हैं, और अनाधिकृत परिवहन को रोकने के लिए राज्य की सीमाओं पर चौकियां स्थापित की गई हैं। 100 दिन में 6,63,714 मीट्रिक टन खाद बंटी लेटर में इस साल हुई खाद की बिक्री के आंकड़ों का भी जिक्र किया गया है। लेटर में लिखा है कि इस साल 1 अप्रैल से 11 जुलाई तक यूरिया की बिक्री 6,63,714 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में दर्ज 5,39,542 मीट्रिक टन से काफी अधिक है। विभाग ने कहा कि इस वृद्धि के कारण उपलब्ध स्टॉक में भारी गिरावट आई है, और यूरिया की सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ा है। 20 से ज्यादा बैग खरीदने वाले किसान रडार पर विभाग को इस बढ़ोतरी के दौरान यूरिया के दुरुपयोग और कालाबाज़ारी को रोकने के लिए, विभाग ने जून और जुलाई के दौरान 20 से ज़्यादा बैग यूरिया खरीदने वाले किसानों की पहचान के लिए एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (IFMS) पोर्टल के डेटा का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। लेटर में कहा गया है कि इन किसानों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है, कैटेगरी 1 में वे किसान शामिल होंगे जिन्होंने 40-50 बैग यूरिया खरीदा, कैटेगरी 2 (30-40 बैग) और कैटेगरी 3 (20-30 बैग) को शामिल किया गया है। तीन दिनों में वेरिफिकेशन पूरा करना होगा कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फील्ड स्टाफ को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल ग्राउंड लेवल वेरिफिकेशन के लिए केटेगरी 1 को प्राथमिकता दें, उसके बाद कैटेगरी 2 और 3 को प्राथमिकता दें। लेटर में आगे निर्देश दिया गया है कि आज से, इन स्लैब के अंतर्गत आने वाली किसी भी नई बिक्री को खरीद के तीन दिनों के भीतर वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए, और कार्रवाई की रिपोर्ट तुरंत मुख्यालय को प्रस्तुत की जानी चाहिए। इन जिलों में सबसे ज्यादा हुई खपत हरियाणा ने पिछले वर्ष के इसी मौसम की तुलना में 1,53,995 मीट्रिक टन यूरिया की अधिक खपत हुई है। यमुनानगर और जींद यूरिया के उपयोग में सबसे अधिक वृद्धि दिखाने वाले दो शीर्ष जिले बनकर उभरे हैं। रबी सीजन के दौरान, यमुनानगर में 19,373 मीट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन दर्ज किया गया, और जींद में 16,913 मीट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन दर्ज किया गया। चालू खरीफ सीजन में भी यह क्रम जारी रहा है, जहाँ जींद में पिछले वर्ष की तुलना में 13,327 मीट्रिक टन और यमुनानगर में 6,035 मीट्रिक टन अधिक उत्पादन हुआ है।
हरियाणा में 100 दिन में बंट गई 6,63,714 MT खाद:20 से अधिक बोरी खरीदनें वाले किसान रडार पर; हेराफेरी का शक, ग्राउंड वेरिफिकेशन होगा
1