हरियाणा में 2 नए जिले बनने तय:सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल बढ़ाया, इसी महीने मीटिंग बुलाई गई; 9 साल बाद तैयारी

by Carbonmedia
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हरियाणा में 9 साल बाद नए जिले बनाने को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। इसकी वजह यह है कि कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल सरकार ने 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। कमेटी के चेयरमैन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने इसी महीने फिर से बुला ली है। हालांकि अभी बैठक की तारीख तय नहीं है। संभवत यह अगले सप्ताह में हो सकती है। अभी तक कमेटी के पास नए जिलों को बनाने की मांग आई है, उनमें हांसी और गोहाना ही तय मानकों तक पहुंच पाए हैं। जिसके कारण ये माना जा रहा है कि अभी इन दोनों को ही सरकार जिला बनाने पर फोकस करेगी। यहां पढ़िए, कार्यकाल बढ़ाने की ये एक वजह रही
भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने हाल ही में प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में बदलाव के लिए 31 दिसंबर तक समय बढ़ा दिया है। इसको लेकर उनके द्वारा हरियाणा के मुख्य सचिव को लेटर भी लिखा था, इस लेटर में अगले साल फरवरी यानी 2026 में जनगणना का काम शुरू होगा। जिसके चलते पहली जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। कैबिनेट सब कमेटी में चार मंत्री
प्रदेश में नए जिले, मंडल, तहसील और उपतहसील बनाने को लेकर प्रदेश सरकार ने विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर रखी है। इसमें राजस्व एवं निकाय मंत्री विपुल गोयल, संसदीय कार्य मामले मंत्री महीपाल सिंह ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा शामिल हैं। अब तक तीन बार सरकार दे चुकी एक्सटेंशन
पिछले साल चार दिसंबर को गठित कमेटी का कार्यकाल चार मार्च को पूरा हो गया था, जिसके बाद कमेटी का कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा दिया गया। प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव के लिए कई बैठकें कर चुकी कमेटी का यह कार्यकाल भी पूरा हो गया। सरकार की ओर से अब इस कमेटी को फिर से 31 दिसंबर तक के लिए एक्सटेंशन दे दी है। पांच नए जिले बनाने की आई मांग
कैबिनेट सब कमेटी के पास पांच नए जिले बनाने की मांग आई हुई है। इनमें हिसार से् अलग हांसी, सिरसा से अलग डबवाली, करनाल से अलग असंध, जींद से अलग सफीदों और सोनीपत से अलग गोहाना शामिल हैं। गुरुग्राम से अलग मानेसर को भी नया जिला बनाने की मांग उठ रही है, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी के पास लिखित में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। पंवार बोले- प्रस्ताव आया तो मंडल भी बढ़ाए जा सकते हैं
कमेटी के चेयरमैन कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि जिलों के उपायुक्तों की सिफारिश पर ही नए जिले, उपमंडल, उप तहसील और नई तहसीलें बनाई जाएंगी। ब्लॉक समिति के लिए संबंधित विधानसभा क्षेत्र के विधायक, नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव अनिवार्य है। पंवार ने संकेत दिए हैं कि यदि प्रस्ताव आया तो राज्य में नए मंडल भी बनाए जा सकते हैं। प्रदेश में अभी 6 मंडल हैं। जिनमें अम्बाला, करनाल, रोहतक, हिसार, गुरुग्राम व फरीदाबाद शामिल हैं। 9 साल पहले दादरी बना था 22वां जिला, तब से विस्तार नहीं
16 नवंबर 2016 को भिवानी से अलग होकर दादरी प्रदेश का 22वां जिला बना था। उसके बाद से कोई नया जिला नहीं बना है। उससे पहले 15 अगस्त 2008 को फरीदाबाद से अलग होकर पलवल प्रदेश का 21वां जिला बना था।1966 में जब पंजाब से अलग होकर हरियाणा राज्य बना था, तब हरियाणा के हिस्से में सिर्फ 7 जिले थे। साल 1989 में एक साथ 3 नए जिले कैथल, रेवाड़ी, और पानीपत बने। उसके बाद 1997 में झज्जर और फतेहाबाद जिले बने। जनगणना के बाद विधानसभा व लोकसभा सीटों का परिसीमन भी होगा
हरियाणा में विधानसभा व लोकसभा सीटों का भी परिसीमन होना है। यह संभवत जनगणना का कार्य पूरा होने के बाद होगा। अभी प्रदेश में 90 विधानसभा हलके हैं और लोकसभा की 10 सीटें हैं। अनुमान है कि परिसीमन के बाद विधानसभा सीटों की संख्या 126 तक पहुंच सकती है जबकि लोकसभा सीटें 14 हो सकती हैं। इससे पहले हरियाणा में साल 2007 में विधानसभा हलकों का परिसीमन हुआ था। तब विधानसभा सीटों की संख्या तो नहीं बढ़ी थी, लेकिन मर्जर के बाद कई हलके खत्म हो गए थे, जबकि कई नए हलके बनाए गए थे।

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