हरियाणा में 60% घर लिव-इन रिलेशनशिप से टूट रहे:HSWC अध्यक्ष का खुलासा; बोलीं- विवाह के मूल्यों को समझना जरूरी, हर जिले में खुलेंगे परामर्श केंद्र

by Carbonmedia
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हरियाणा में 60% घर लिव-इन रिलेशनशिप से टूट रहे हैं। ये खुलासा खुद हरियाणा राज्य महिला आयोग (HSWC) अध्यक्ष रेणु भाटिया ने किया है। उन्होंने कहा है कि युवाओं को विवाह के मूल्यों को समझना होगा। इसके लिए आयोग युवाओं को निशुल्क परामर्श भी देगा। राज्य में अब हर जिले में ऐसे युवाओं के लिए परामर्श केंद्र खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि लिव-इन एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है, “हम चाहते हैं कि परिवार ऐसी प्रथाओं को हतोत्साहित करें, खासकर सोशल मीडिया के ज़रिए बनने वाली प्रथाओं को, जो अक्सर दिल टूटने और अलगाव का कारण बनती हैं। माता-पिता को बच्चों को नैतिक मूल्य सिखाना चाहिए ताकि शादी के बाद उनका भविष्य उज्ज्वल हो।” तलाक रेट कम करने के लिए खुलेंगे परामर्श केंद्र उन्होंने बताया कि तलाक की दर कम करने और पारिवारिक बंधनों को मज़बूत करने के लिए, गुरुग्राम और फरीदाबाद के मौजूदा केंद्रों की तर्ज पर, राज्य भर में विवाह-पूर्व परामर्श केंद्र खोलने की योजना है। कैथल में जिला प्रशासन ऐसे ही एक केंद्र के लिए ज़मीन उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि “जैसे ही जगह तय हो जाएगी, केंद्र चालू हो जाएगा।” ये केंद्र शादी से पहले जोड़ों को वैवाहिक मूल्यों, ज़िम्मेदारियों और भावनात्मक पहलुओं पर मार्गदर्शन देंगे। जोड़े माता-पिता से समान व्यवहार करें भाटिया ने वैवाहिक विवादों में एक और बढ़ती प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला, जो असमान व्यवहार या एक-दूसरे के माता-पिता के प्रति अलग-अलग नज़रिए से उत्पन्न होने वाले संघर्ष हैं। उन्होंने कहा, “यह मानसिकता कि पति-पत्नी ‘मेरे माता-पिता’ और ‘तुम्हारे माता-पिता’ के बीच भेद करते हैं, बढ़ते घरेलू तनाव का एक प्रमुख कारण बन गई है। अगर जोड़े अपने माता-पिता दोनों के साथ समान व्यवहार करें, तो कई विवादों से बचा जा सकता है। विवाह संस्था को बचाए रखने के लिए साझा ज़िम्मेदारी और भावनात्मक संतुलन की भावना का निर्माण आवश्यक है।” प्रमाण पत्र के लिए आयोग तैयार कर रहा शर्त भाटिया ने विवाह-पूर्व परामर्श को अनिवार्य बनाने की वकालत करते हुए कहा, “आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि जब तक युगल परामर्श सत्र में शामिल न हो जाए और प्रमाण पत्र प्राप्त न कर लें, तब तक कोई भी विवाह पंजीकृत न हो।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि इन उपायों से परिवारों के अलगाव में उल्लेखनीय कमी आएगी।

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