हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत प्राइवेट अस्पतालों ने 7 अगस्त से इलाज बंद करने की घोषणा कर दी है। हरियाणा आयुष्मान कमेटी के अध्यक्ष सुरेश अरोड़ा ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि यह फैसला अस्पतालों की मजबूरी है, क्योंकि सरकार पर लगभग 450 करोड़ रुपए का बकाया है जो पिछले तीन महीनों से अटका पड़ा है। इन हालातों में बिना भुगतान के अस्पतालों के लिए इलाज जारी रखना मुश्किल होता जा रहा है। सुरेश अरोड़ा ने बताया कि 8 जनवरी को सीएम से हुई बैठक में वादा किया गया था कि अब से भुगतान में कोई देरी नहीं होगी। इसके बाद 3 फरवरी को अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर के साथ भी बैठक हुई, जिसमें एक स्थायी समाधान का भरोसा दिया गया था। उस समय 12-13 वादे किए गए थे, लेकिन केवल एक ही वादा पूरा हुआ, बाकी बातें कागजों तक सीमित रह गईं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के पास अब सैलरी देने और बिजली बिल भरने तक के पैसे नहीं बचे हैं। कई छोटे अस्पताल बंद होने की कगार पर हैं। पिछले साल खर्च ज्यादा हुआ
पिछले साल 800 करोड़ का बजट तय किया गया था, लेकिन खर्च 1400-1500 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था। इस साल सरकार ने बजट 2500 करोड़ करने की बात कही थी, लेकिन अभी भी हालात नहीं सुधरे हैं। इसके अलावा अब सरकार ने 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का इलाज भी योजना में शामिल कर दिया है, जिससे खर्च और बढ़ गया है। सुरेश अरोड़ा ने यह भी कहा कि जब भी अस्पताल हड़ताल की चेतावनी देते हैं, सरकार कुछ करोड़ रुपए जारी करके हड़ताल को टालने की कोशिश करती है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। अबकी बार सभी पैनल अस्पताल एकजुट होकर स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
हरियाणा में 7 अगस्त से प्राइवेट अस्पतालों की हड़ताल:आयुष्मान कमेटी के अध्यक्ष बोले-आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद, 450 करोड़ बकाया भुगतान
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