हरियाणा में 9 दिन में 13 कोरोना मरीज मिले:कितना खतरनाक नया वैरिएंट, वैक्सीन लगाने वाले क्या बूस्टर डोज लगवाएं, एक्सपर्ट से जानिए

by Carbonmedia
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हरियाणा में कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। 9 दिन में 13 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से एक मरीज की इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री भी मिली है। देश में भी कोरोना के नए वैरिएंट ने चिंता बढ़ा दी है। अब तक 6 मौतें हो चुकी हैं। महाराष्ट्र में एक पैटर्न भी दिखा है कि खांसी-जुकाम व बुखार के साथ लोगों को डायरिया भी हो रहा है। ऐसी स्थिति में कुछ अहम सवाल खड़े हो गए हैं। जैसे, हरियाणा में कोविड-19 का कौन सा वैरिएंट है?, यह वैरिएंट बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए कितना खतरनाक हो सकता है?, जिन्हें कोरोना की वैक्सीन लग चुकी, उनको कितना खतरा है?, दैनिक भास्कर ने इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए एक्सपर्ट से बात की। जिन्होंने कोरोना के खतरे से लेकर दवा बनने तक को लेकर विस्तार से बताया…. सबसे पहले हरियाणा में कोरोना की स्थिति जानें…
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में अब तक कोरोना के 13 केस आ चुके हैं। सबसे पहले 2 केस 18 मई को गुरुग्राम में मिले थे, जिसमें मुंबई से लौटी महिला और सिक्योरिटी गार्ड कोविड पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद फरीदाबाद में कोरोना के मरीज मिले। मौजूदा वक्त में गुरुग्राम में 6, फरीदाबाद में 5 और यमुनानगर व करनाल में 1–1 केस मिले हैं। हरियाणा को लेकर राहत की बात ये है कि अभी तक कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है। वहीं फरीदाबाद में कोरोना के जो 5 केस मिले थे, उनमें से 3 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। बाकी मरीजों की हालत भी गंभीर नहीं है। मगर, कोरोना की ये रफ्तार चिंता जरूर बढ़ा रहा है। रोहतक PGI में पल्मोनरी क्रिटिकल केयर एंड मेडिसिन विभाग के HOD और हरियाणा में कोविड के नोडल अधिकारी रहे डॉ. ध्रुव चौधरी से जानते हैं कोरोना का नया वैरिएंट कितना खतरनाक है… सवाल: कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, इसके क्या संकेत हैं?
जवाब : कोरोना केस अभी नॉर्मल तरीके से चल रहे हैं। कुछ समय बाद यह पीक पर आएगा। देखने वाली बात यह है कि इसमें मौतों का आंकड़ा कितना बढ़ता है। अगर वो आंकड़ा नहीं बढ़ता है तो हमें केवल सावधान रहना है, पैनिक नहीं करना। अगर वो आंकड़ा बढ़ता है तो फिर हमें उस प्रकार के इंतजाम करने होंगे। सवाल : किस प्रकार से ध्यान रखना चाहिए?
जवाब : जापान और चीन में मास्क कल्चर डेवलप हो चुका है। मास्क हमें अकेले कोरोना से ही नहीं इन्फ्लुएंजा से भी बचाएगा। इसके अलावा भी कई वायरस हैं, जो मास्क से रुकते हैं। हमें भी अपने यहां मास्क को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा। सवाल : किस उम्र के लोगों के लिए यह खतरनाक होगा?
जवाब : अब तक स्टडी के अनुसार कोविड से बच्चों को ज्यादा दिक्कत नहीं आई है। उम्र चाहे कोई भी हो लेकिन वो अगर पहले से किसी लंग्स संबंधित बीमारी से जूझ रहा है तो उस पेशेंट को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। ध्यान हर उम्र के लोगों को रखना होगा। कोरोना के दौरान मृत्यु दर बच्चों की बजाय एडल्ट की ज्यादा रही है। सवाल : अभी देशभर में 2 मौतें हुई हैं। क्या विशेष ख्याल रखने की जरूरत है?
जवाब : शुरुआत में खांसी-जुकाम, बुखार, मांसपेशियों में दर्द के रूप में लक्षण नजर आते हैं, जो दिखने में सामान्य लगते हैं। ऐसे लक्षण दिखें तो सतर्क रहें। इसकी जांच करवाएं। कोरोना ने अभी पीक नहीं पकड़ा है। जब पीक पर होगा, तब डेटा विश्लेषण की जरूरत है। कोविड की दूसरी लहर के बाद से मौत का आंकड़ा ज्यादा नहीं है। अगर एक लाख मरीज में 2 की मौत होती है तो यह कोई चिंताजनक नहीं है। क्योंकि इन केसों में मरीज की पुरानी हिस्ट्री होती है, जिस पर भी गौर करने की जरूरत है। सवाल : क्या अब फिर से लोगों को वैक्सीनेशन कराने की जरूरत है?
जवाब : आंकड़ों का अध्ययन करने की आवश्यकता है। वैक्सीन को लेकर जो गाइडलाइन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ओर से आती है, उसी के अनुसार चलना होगा। बिना शोध के किसी विषय पर चर्चा नहीं हो सकती। सवाल : जो लोग वैक्सीन लगा चुके हैं, उन्हें क्या बूस्टर डोज लगाने की आवश्यकता है?
जवाब : अगर किसी को एक बार कोविड हो चुका है तो उनमें एंटी बॉडी डेवलप हो जाती है। अगर किसी ने वैक्सीन डोज भी लगवा रखी है तो उसमें ज्यादा डोज की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। सवाल : कोरोना की दवा का क्या अपडेट है?
जवाब : कोरोना की दवा को लेकर रिसर्च चल रहा है, लेकिन अभी स्पेसिफिक दवा नहीं आई है। हां, कोरोना में रेमडेसिविर कारगर दवा निकली है। रिपोर्ट आने के 72 घंटे बाद मरीज पर शुरू कर देनी चाहिए। अभी तक इसके मरीजों पर बेहतर रिजल्ट आए हैं। सवाल : कोरोना का कौन सा वैरिएंट फैल रहा है?
जवाब : कोरोना के वैरिएंट की सही जानकारी तो जीनोम सीक्वेंसिंग के बाद ही कहा जा सकता है। लेकिन हमारे यहां पर आने वाले केसों में वहीं वैरिएंट मिल रहा है, जो सिंगापुर के मरीजों में मिल रहा है। ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट ही फिलहाल चल रहे हैं। अभी तक देश में कोविड-19 के वैरिएंट NB.1.8.1 का एक और LF.7 प्रकार के चार मामले मिले हैं। चीन और एशिया के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है। स्वास्थ्य मंत्री आरती राव बोलीं– घबराने की जरूरत नहीं
कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने कहा कि अभी कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। ये वैरिएंट हल्का व मैनेजेबल है। फिर भी हम सतर्क हैं। सभी सिविल सर्जनों को इंतजाम करने को कह चुके हैं। हम भारत सरकार की समय-समय पर दी जाने वाली एडवाइजरी को फॉलो कर रहे हैं। लोग पैनिक न करें और कोविड से बचाव वाले मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंस रखने और भीड़भाड़ वाली जगह में जाने से बचने जैसी सावधानियों का पालन करते रहें। ——————————- हरियाणा में कोरोना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें :- अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के फैसले से हरियाणा मुश्किल में:कोरोना वायरस की इकलौती जीनोम सीक्वेंसिंग लैब बंद हुई हरियाणा में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। अगर कोरोना वायरस ज्यादा फैला तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अंतरराष्ट्रीय मदद रोकने का फैसला हरियाणा पर भारी पड़ सकता है। दरअसल, कोरोना के बार-बार बदलते वैरिएंट का पता लगाने के लिए रोहतक PGI में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब खोली गई थी, जो अब बंद पड़ी है। पढ़ें पूरी खबर…

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