हरियाणा BJP अध्यक्ष बड़ौली-मित्तल रेप केस री-ओपन होगा या नहीं:सोलन कोर्ट इस पर आज सुनाएगा फैसला; पीड़िता ने पुलिस की क्लोजर-रिपोर्ट को दी चुनौती

by Carbonmedia
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हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल पर कथित रेप केस को री-ओपन करने के मामले में सोलन का सेशन कोर्ट आज फैसला सुना सकता है। कोर्ट का फैसला आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि बड़ौली और मित्तल पर केस चलेगा या उन्हें क्लीन चिट मिलेगी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अरविंद मल्होत्रा की अदालत ने पिछली सुनवाई में दोनों पक्ष सुनने के बाद फैसला रिजर्व रख दिया था। पीड़ित पक्ष ने अदालत में दलीलें दी की लोअर कोर्ट ने उनका पक्ष सुने बगैर पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार किया है। दरअसल, रेप के आरोप लगाने वाली महिला ने सोलन के सेशन कोर्ट में केस री-ओपन करने को रिवीजन पिटिशन फाइल कर रखी है। क्योंकि कसौली कोर्ट पहले ही इस केस में पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को मंजूरी दे चुका है। कसौली पुलिस ने दी थी क्लोजर रिपोर्ट कसौली पुलिस को इस केस में मोहन लाल बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिले। दिल्ली निवासी एक महिला ने दोनों पर उसके साथ रेप करने के आरोप लगाए थे। पुलिस ने इसके बाद केस बंद करने की अर्जी कसौली कोर्ट में डाली, जिसे कोर्ट ने 12 मार्च को स्वीकार किया। इससे पहले कसौली कोर्ट ने रेप के आरोप लगाने वाली महिला को 2 बार अलग अलग एड्रेस पर समन भेजा, ताकि महिला का पक्ष जाना जा सके। मगर दोनों पत्ते पर महिला को समन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने केस को बंद किया। क्या है पूरा मामला? 13 दिसंबर को FIR दर्ज, 14 जनवरी को कॉपी ​​सामने आई पीड़ित महिला ने बड़ौली और रॉकी मित्तल के खिलाफ 13 दिसंबर, 2024 को सोलन जिले के कसौली पुलिस थाने में गैंगरेप (IPC की धारा 376D) की धाराओं के तहत FIR करवाई। 14 जनवरी, 2025 को इसकी कॉपी सामने आई। पीड़िता के अनुसार, उसके साथ गैंगरेप 23 जुलाई 2024 को किया गया। सहेली व बॉस के साथ कसौली घूमने गई थी: पीड़िता शिकायत में पीड़िता ने कहा, ‘मैं अपनी सहेली और बॉस अमित बिंदल के साथ कसौली घूमने गई थी। इस दौरान होटल में बड़ौली और रॉकी ने मुझे जबरन शराब पिलाई और सहेली के सामने ही हिमाचल टूरिज्म कॉर्पोरेशन के होटल रोज कॉमन में गैंगरेप किया। इसके बाद मारने की धमकी दी। फिर पंचकूला में बुलाकर झूठे केस में फंसाने की भी कोशिश की। यह आरोपी पीड़िता ने लगाए है। पुलिस नहीं जुटा पाई थी साक्ष्य कसौली पुलिस ने दो माह से अधिक समय तक इस केस की जांच की। मगर जांच में साक्ष्य नहीं मिले। पीड़िता ने अपना मेडिकल करवाने से भी इनकार कर दिया था। कई महीनों की देरी से एफआईआर की वजह से पुलिस इस केस में सीसीटीवी, शराब के गिलास, बेड शीट जैसे सबूत नहीं जुटा पाई। जिस होटल में महिला ने गैंग रेप के आरोप लगाए थे, वहां के कर्मचारी भी इस केस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता पाए। इससे पुलिस ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में डाली। निचली अदालत से एक बार बड़ौली और मित्तल को क्लीन चिट मिल गई है।

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