हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मीटिंग में कर्मचारियों को लेकर तीन बड़े फैसले किए हैं। इनमें ग्रुप-बी सर्विस रूल में संशोधन के साथ नए पदों को सर्विस रूल में शामिल किया गया है। साथ ही उप निदेशक पद की सीधी भर्ती में यूजीसी-नेट योग्यता की आवश्यकता को भी कैबिनेट की मंजूरी के बाद हटा दिया है। सूबे के कर्मचारी हरियाणा सरकार से लगातार इन तीनों मांगों को कर रहे थे। सीएम नायब सैनी ने इन फैसले को लेकर कहा कि सरकार ने इससे पहले भी कर्मचारियों के हित में काम किए हैं और आगे भी करती रहेगी। यहां पढ़िए कर्मचारियों के लिए तीन बड़े फैसले क्या… 1. ग्रुप-बी सर्विस रूल में संशोधन किया कैबिनेट की मीटिंग में हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रुप ‘बी’ सेवा नियम, 1997 में प्रमुख संशोधनों को मंजूरी दी गई। सीएम नायब सैनी ने कैबिनेट मीटिंग में लिए गए इस फैसले पर बताया कि इस फैसले से वर्तमान प्रशासनिक और भर्ती आवश्यकताओं के हिसाब से बनाया जा सकेगा। इन संशोधनों में पद नामकरण, वेतनमान, शैक्षणिक योग्यताओं में अपडेट और विभागीय सर्विस रूल में नव सृजित पदों को शामिल करना शामिल है। पहले की सरकारी नोटिफिकेशन के अनुसार, बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) और कार्यक्रम अधिकारी (महिला) के पदों का आधिकारिक नाम महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) और जिला कार्यक्रम अधिकारी (महिला) कर दिया गया है। इसे दर्शाने के लिए विभागीय नियमों में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। 2. नए पदों को सेवा नियमों में शामिल किया इसके अतिरिक्त, विभागीय सेवा नियम, 1997 के नियम 14 को हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 1987 के संदर्भों को संशोधित 2016 नियमों से प्रतिस्थापित करने के लिए अपडेट किया गया है।चरखी दादरी जिले के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं अधीक्षक तथा पपलोहा (पिंजौर) स्थित पंजीरी प्लांट के प्रबंधक सहित नवसृजित पदों को भी सेवा नियमों में शामिल कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त, मौजूदा नियमों में वेतनमानों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार अपडेट किया गया है। 3. उप निदेशक की सीधी भर्ती से यूजीसी-नेट योग्यता की आवश्यकता हटाई हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की आपत्तियों के बाद, भर्ती प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए, महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी (महिला) के पद के लिए 50% कोटे वाली दो अलग-अलग शैक्षणिक योग्यताओं का प्रावधान हटा दिया गया है।इसी प्रकार, उप निदेशक के पद पर सीधी भर्ती के लिए यूजीसी-नेट योग्यता की आवश्यकता को भी हटा दिया गया है, क्योंकि पिछली भर्ती प्रक्रियाएं योग्य उम्मीदवार प्रदान करने में विफल रही थीं। यह कदम एचपीएससी द्वारा योग्यता मानदंडों में संशोधन करने की सलाह के बाद उठाया गया है। इसके अलावा, सभी पदों के लिए मैट्रिक या उच्च शिक्षा स्तर पर हिंदी या संस्कृत को एक विषय के रूप में अनिवार्य करने का प्रावधान भी शामिल किया गया है।
हरियाणा CM के कर्मचारियों के लिए 3 बड़े फैसले:ग्रुप-बी सर्विस रूल में संशोधन किया; नए पद शामिल हुए, उप-निदेशक सीधी भर्ती से यूजीसी-नेट योग्यता हटाई
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