लुधियाना| पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) के स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज और टीम निधि-टीबीआई ने 16 जुलाई 2025 को एक विशेष मेंटरिंग सेशन आयोजित किया। यह सेशन संगरूर जिले के गांव रैधराणा के अमनिंदर सिंह कालर के लिए रखा गया। अमनिंदर सिंह पहले से ही सब्जियों की नर्सरी और मशरूम की खेती पर आधारित फार्म बिजनेस मॉडल चला रहे हैं। अब वे हल्दी पाउडर के उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में कदम रख रहे हैं। दो घंटे चले इस सेशन में मार्केटिंग, पैकेजिंग, लेबलिंग, नवाचार और नेटवर्किंग जैसे जरूरी बिजनेस पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया गया। अमनिंदर सिंह ने अपने हल्दी पाउडर के सैंपल की गुणवत्ता और पोषण स्तर की जांच के लिए उसे पीएयू के पंजाब हॉर्टिकल्चर पोस्टहार्वेस्ट टेक्नोलॉजी सेंटर में भेजा। यह कदम बाजार में उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया। डॉ. पूनम ए. सचदेव, को-प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर और प्रिंसिपल फूड टेक्नोलॉजिस्ट ने अमनिंदर की पहल की सराहना की। उन्होंने तकनीकी सहायता जारी रखने का आश्वासन भी दिया। निधि-टीबीआई के सीईओ गुरिंदर सिंह ने उन्नत पैकेजिंग तकनीकों और लेबलिंग नियमों की जानकारी दी। बिजनेस मैनेजर समीर गौतम ने बल्क ब्रेकिंग की रणनीति पर जोर दिया। इसके तहत बड़े पैमाने पर तैयार उत्पाद को छोटे-छोटे पैक में बांटकर उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाता है। यह पहल पीएयू के स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज और निधि-टीबीआई की ओर से कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। इससे किसानों को आत्मनिर्भर एग्रीप्रेन्योर बनने का मौका मिल रहा है।
हल्दी उद्योग के किसानों ने पैकेजिंग के बारे में सीखा
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