हिसार के हांसी में बच्चों और परिजनों ने आठवीं तक के स्कूल को दसवीं कक्षा तक अपग्रेड करने की मांग को लेकर शनिवार को प्रदर्शन किया। लोगों ने बताया कि ढाणी कुतुबपुर गांव में बेटियों की शिक्षा आठवीं कक्षा के बाद रुक जाती है। गांव और आसपास के क्षेत्र में कोई हाई स्कूल नहीं है। इस कारण अधिकतर लड़कियों की पढ़ाई आठवीं कक्षा के बाद रुक जाती है। लड़के तो किसी तरह आस-पास के गांवों में पढ़ाई के लिए चले जाते हैं। लेकिन लड़कियों को दूर भेजने को लेकर पेरेंट्स सहज नहीं होते। इससे गांव की दर्जनों बेटियों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है। शनिवार को स्कूल छोड़ चुकी दर्जनों बच्चियां स्कूल में इकट्ठा हुईं। उन्होंने सरकार से गांव के स्कूल को अपग्रेड करने की मांग की। ताकि आगामी पढ़ाई का उनका सपना पूरा हो सके। स्कूल का रिजल्ट लगातार 100 % रहता- टीचर
गांव के सरपंच अजय पवार ने बताया कि लगभग दो साल पहले पंचायत ने स्कूल अपग्रेड की मांग तत्कालीन शिक्षा मंत्री कृष्ण लाल गुर्जर तक पहुंचाई थी। लेकिन आज तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।गांव की सुनीता, जो इसी स्कूल से पढ़कर निकली हैं और अब यहीं ड्राइंग टीचर हैं, कहती हैं कि सालों से यह स्कूल सिर्फ आठवीं तक ही सीमित है। उन्होंने कहा, हमारे स्कूल का रिजल्ट लगातार 100 % रहता है, फिर भी इसे अपग्रेड नहीं किया गया। यदि इसे हाई स्कूल बना दिया जाए, तो दर्जनों बच्चियां आगे की पढ़ाई कर पाएंगी। ज्यादातर पेरेंट्स या तो लड़कियों को सिलाई कढ़ाई सिखाने लगते हैं या फिर घर के काम में ही व्यस्त कर देते हैं। जिस कारण इन बच्चियों का देश सेवा का सपना अधूरा रह जाता है। गांव के युवा सामाजिक कार्यकर्ता राहुल शर्मा ने इस मुद्दे को सीएमओ, शिक्षा मंत्री और पीएमओ कार्यालय तक ट्वीट कर उठाया है। लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। ग्रामीणों ने सरकार से अपील की है कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे नारे तभी सार्थक होंगे जब धरातल पर बेटियों को पढ़ने का अवसर भी मिलेगा।
हांसी में परिजनों और बच्चों का प्रदर्शन:बोले- बेटियों की पढ़ाई आठवीं के बाद थमी, स्कूल को 10वीं तक अपग्रेड करने की मांग
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