पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब और हरियाणा में आई बाढ़ को लेकर दाखिल जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि फिलहाल अधिकारी जमीनी स्तर पर राहत और बचाव कार्यों में लगे हैं। इस समय उनसे अफिडेविट दाखिल करने की अपेक्षा करना सही नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने इस जनयाचिका को खारिज किया है। उन्होंने साफ कहा- “फिलहाल अधिकारी जमीनी स्तर पर हालात से निपट रहे हैं। अगर हम इस पर सुनवाई करते हैं तो उन्हें बैठकर अफिडेविट तैयार करना पड़ेगा। इस समय हम ऐसा नहीं चाहते।” जानें याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि: मांगी गई राहत याचिका में हाईकोर्ट से अपील की गई थी कि प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को तत्काल मुआवजा दिया जाए, तटबंधों की स्थायी मजबूती के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। अदालत का निर्णय हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस समय प्राथमिकता जमीनी हालात को संभालना है, न कि न्यायिक कार्यवाही में अधिकारियों को उलझाना। इसलिए, अदालत ने इस जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए इसे खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट ने बाढ़ संबंधित जनहित याचिका खारिज की:न्यायाधीश बोले- अधिकारी हालात से निपट रहे, उनसे एफिडेफिट तैयार करवाना ठीक नहीं
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