हिंदी अनिवार्य होगी या वैकल्पिक? विवाद के बीच महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने कर दिया क्लियर

by Carbonmedia
()

Hindi Language in Maharashtra: महाराष्ट्र में मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पांचवीं क्लास तक हिंदी सामान्यतः तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाई जाएगी, लेकिन जिन बच्चों की इच्छा हिंदी के बजाय अन्य भारतीय भाषाएं पढ़ने की है, उन्हें तीसरी भाषा बदले की अनुमति होगी. महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे ने इस मामले में स्पष्टता से बयान दिया. 
मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि हिंदी की जगह पर अन्य कोई भाषा पढ़ने की इच्छा वाले बच्चों की संख्या हर कक्षा में कम से कम 20 होनी चाहिए. अगर न्यूनतम 20 विद्यार्थी ऐसी इच्छा जताते हैं, तो उस भाषा को पढ़ाने के लिए शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी, वरना वह भाषा ऑनलाइन पढ़ाई जाएगी.
मराठी न पढ़ाने वाले स्कूलों पर कार्रवाईसभी माध्यमों के स्कूलों में मराठी भाषा अनिवार्य होगी. जो स्कूल मराठी भाषा नहीं पढ़ाएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में सभी योजनाएं स्कूल शिक्षा आयुक्त स्तर से तुरंत की जाएंगी. मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के अलावा, अन्य माध्यम की स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक माध्यम भाषा, मराठी और अंग्रेजी– ये तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी.
छठी से दसवीं कक्षा के लिए भाषा नीति राज्य पाठ्यक्रम आराखड़ा स्कूल शिक्षा के अनुसार ही लागू होगी. ऐसा भी मंत्री दादाजी भुसे ने स्पष्ट किया. पांचवीं कक्षा के लिए मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में हिंदी के संदर्भ में 16 अप्रैल 2025 के शासकीय निर्णय में उपरोक्तानुसार बदलाव किया गया है, यह जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग ने दी है.
राज ठाकरे ने क्या कहा था?मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा, “मैंने दो पत्र लिखकर हिंदी को अनिवार्य भाषा बनाने का विरोध किया था. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया था कि हिंदी को अनिवार्य नहीं किया जाएगा, या कम से कम तृतीय भाषा के रूप में भी नहीं थोपा जाएगा. तीन भाषा की जो नीति लाई जा रही है, वह किस आधार पर लागू हो रही है? अन्य गैर-हिंदी भाषी राज्यों में यह लागू नहीं हो रहा. जैसे गुजरात में तीन भाषाओं में गणित, अंग्रेज़ी और गुजराती का विकल्प दिया गया है.”
राज ठाकरे ने कहा था कि वे हिंदी के विरोध में नहीं हैं. यह एक बहुत अच्छी भाषा है और वह इसका सम्मान करते हैं, लेकिन उनका सवाल है: महाराष्ट्र में ही हिंदी क्यों थोपी जा रही है? इससे स्कूलों की मराठी शिक्षा का महत्व धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा. ऐसे में उन्होंने माता-पिता से अपील की कि हिंदी भाषा नीति का विरोध करें.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment