हिमाचल के भीम डवारी में 8 सदस्यीय दल का निरीक्षण:श्रीखंड महादेव यात्रा जुलाई में शुरू, बर्फ और ग्लेशियर की मात्रा कम

by Carbonmedia
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हिमाचल प्रदेश के श्रीखंड महादेव यात्रा की तैयारियों के लिए 8 सदस्यीय दल ने रोड का निरीक्षण कर एसडीएम निरमण्ड को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया गया है। 18,570 फीट की ऊंचाई पर स्थित श्रीखंड महादेव के दर्शन के लिए जुलाई में यात्रा शुरू होगी। इस वर्ष पिछले साल की तुलना में यात्रा रोड पर बर्फ और ग्लेशियर की मात्रा कम है। पिछले साल फटा था बादल रिपोर्ट के अनुसार भीम डवारी क्षेत्र में पिछले साल 31 जुलाई को बादल फटने से आई बाढ़ के कारण एक बड़ी खाई बन गई है। यहां रोड पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इस स्थान पर नया रोड बनाने के साथ ऑप्शनल पुल का निर्माण आवश्यक है। ब्राहटी नाला के पास भी रोड की स्थिति खराब है। यात्रा शुरू होने से पहले इसकी मरम्मत जरूरी है। कुछ अन्य स्थानों पर मामूली मरम्मत की आवश्यकता है। पार्वती बाग से श्रीखंड महादेव की चोटी का रोड सुरक्षित है। चेयरमैन और डीसी को सौंपेंगे रिपोर्ट एसडीएम निरमण्ड मनमोहन सिंह 3 जून को होने वाली श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट की बैठक में यह रिपोर्ट ट्रस्ट की चेयरमैन और कुल्लू की डीसी को सौंपेंगे। बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा के बाद आवश्यक कार्यों को यात्रा से पहले पूरा किया जाएगा। संयुक्त गठित टीम में ये रहे शामिल बता दें कि उपमंडल निरमण्ड से शुरू होने वाली इस यात्रा के रोड की जांच के लिए प्रशासन ने एक संयुक्त टीम गठित की थी। जिसमें पटवारी बुद्धि सिंह और टेक सिंह, वन रक्षक, जलशक्ति विभाग का फिटर, दो पुलिस जवान और अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली के दो प्रशिक्षित पर्वतारोही शामिल रहे। यह टीम सिंहगाड़, थाचडू, कुंशा, भीम डवार और पार्वती बाग जैसे कठिन पड़ावों के साथ-साथ पुलों, अस्थायी शिविर स्थलों और ग्लेशियरों की स्थिति का गहन निरीक्षण कर वापिस लौट आयी है और अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर दी है। करीब 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा श्रीखण्ड महादेव समुद्रतल से करीब 18570 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। जहां पहुंचने के लिए निरमण्ड खण्ड के सिंहगाड में एक बेस कैम्प बनाया जाता है। जहां यात्रा में जाने वाले श्रद्धालुओं की मेडिकल जांच के बाद ही उन्हें पंजीकृत कर यात्रा में भेजा जाता है। यह यात्रा करीब 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा है। जिसमें खतरनाक पगडंडियों के अलावा खड़ी चढ़ाई और ग्लेशियरों को पार करना पड़ता है। यात्रा में पांच कैम्प यानी पड़ाव बनाये जाते हैं, जिनमें बेस कैंप सिंहगाड के अलावा थाचडू, कुंशा, भीमडवारी व पार्वतीबाग में कैम्प स्थापित होते हैं।जिनमें रेस्क्यू टीम, मेडिकल टीम , पुलिस और होमगार्ड की टीम आदि तैनात की जाती है। बिना अनुमति के लोग दर्शन को जा रहे वहीं आधिकारिक तौर पर यात्रा शुरू होने से पहले ही बिना अनुमति के लोग श्रीखण्ड के दर्शनों को जा रहे हैं। जिस पर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति के जान जोखिम में डालकर यात्रा पर जाने वालों की जानकारी मिलने पर उनके खिलाफ तय नियमों के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। एसडीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि अभी रास्ता जोखिम भरा है और किसी को भी बिना मेडिकल चेकअप, बिना अनुमति के जाने की छूट नहीं दी जा सकती। चोटी तक भेजा दल वापिस लौटा निरमण्ड एसडीएम मनमोहन सिंह ने बताया कि श्रीखण्ड महादेव यात्रा को सुगम बनाने के लिए एक विशेष दल रास्तों की रैकी करने श्रीखण्ड महादेव की चोटी तक भेजा दल वापिस लौट आया है और रिपोर्ट सब्मिट कर दी है। जिस पर 3 जून को डीसी कुल्लू की अध्यक्षता में निरमण्ड में होने वाली ट्रस्ट की बैठक में पेश करने के बाद चर्चा की जाएगी।

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