हिमाचल के ACS-DGP और SP पर क्यों गिरी गाज:10 पॉइंट में समझे पूरा विवाद; अनुशासनहीनता पर CM सख्त, इनके ए‌फिडेविट से सरकार की किरकिरी

by Carbonmedia
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हिमाचल की सुक्खू सरकार ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में एक IAS और दो IPS को अनुशासनहीनता पर लंबी छुट्टी पर भेजा है। प्रदेश में इससे पहले कभी भी तीन IAS-IPS अफसरों पर एक साथ ऐसी कार्रवाई नहीं की गई। अगले मुख्य सचिव पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा पर भी कार्रवाई करके सरकार ने कड़ा संदेश दिया है। 3 दिन बाद रिटायर हो रहे पुलिस महानिदेशक (DGP) अतुल वर्मा को हटाकर नए कार्यवाहक DGP अशोक तिवारी की तैनाती कर दी गई है। मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले SP शिमला संजीव गांधी को भी सरकार ने लंबी मेडिकल लीव पर भेजकर SP सोलन गौरव सिंह को शिमला पुलिस अधीक्षक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। वहीं ओंकार शर्मा से सभी विभाग वापस लेकर ACS केके पंत, सचिव संदीप कदम और सचिव राखिल काहलो को दे गए हैं। ACS ओंकार को लीव, DGP को अर्न्ड लीव और SP शिमला को मेडिकल लीव पर भेजा है। अब सिलसिलेवार पढ़िए, तीनों अफसर लंबी छुट्टी क्यों भेजे गए? 10 पॉइंट में समझे पूरा मामला? CBI ने दिल्ली में FIR की इस बीच CBI ने भी विमल नेगी मौत मामले में दिल्ली में FIR कर दी है। CBI ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया है। BNS की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने पर लगती है। इसमें यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और जो कोई भी उसे ऐसा करने के लिए मजबूर करता है, तो उसे 10 साल तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान है। BNS की धारा 3(5) में उन मामलों में लागू होती है। जहां एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा अपराध किया जाता है। यह प्रावधान बताता है कि ऐसे अपराध में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अपराध के लिए जिम्मेदार माना जाएगा, जैसे कि उन्होंने इसे अकेले किया हो।

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