भारत में मानसून नहीं, मानो जल प्रलय आ गया हो! देश के कई हिस्सों में बारिश ने तबाही मचा दी है, बाढ़ से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. वहीं लगातार भारी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बात मलाणा गांव की जहां आई अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) ने मलाणा-II हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के कॉफरडैम को आंशिक रूप से तोड़ दिया. इस दौरान कई डंपर ट्रक, कार और रॉक ब्रेकर बह गए.
400 से अधिक सड़कें हुई ठप
भारी बारिश के कारण पहाड़ों से मिट्टी और चट्टानें सड़कों पर गिर रही हैं. इस कारण राज्य भर में अब तक 400 से अधिक सड़कों को बंद करना पड़ा है. मंडी, चंबा और लाहौल-स्पीति जैसे जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं.
जिला स्तर पर प्रभाव और नुकसान का आंकड़ा
मंडी जिला: 174 सड़कें बंद; कुल्लू-मनाली हाईवे भी प्रभावितचंबा जिला: 100 से अधिक सड़कें बाधितहमीरपुर: सुजानपुर टीरा के पास ब्यास नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्तऊना: 260.8 मिमी बारिश के साथ सबसे भारी बारिश; स्कूल बंदलाहौल-स्पीति: नदियों के उफान पर आने से लोगों को क्रॉस करवाने के लिए एक्सकेवेटर की मदद ली गई
सरकारी प्रतिक्रिया और स्थिति पर निगरानी
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार पूरी तरह सतर्क है और हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है. जिलों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मंडी में प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि प्रशासन राहत कार्यों में पूरी तरह जुटा है.
मानसून तबाही: आंकड़ों में हिमाचल की स्थिति
20 जून से 2 अगस्त तक राज्य को करीब ₹1,692 करोड़ का अनुमानित नुकसान हुआ है. बारिश से जुड़ी घटनाओं में अब तक 101 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग अभी भी लापता हैं. तबाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1,600 मकान या तो पूरी तरह ढह गए या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
इस दौरान 51 बार फ्लैश फ्लड, 28 क्लाउडबर्स्ट और 45 बड़े भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिसने राज्य की बुनियादी संरचना और जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.
हिमाचल प्रदेश में आफत की बारिश! मलाणा में फ्लैश फ्लड, 400 से अधिक सड़कें बंद, गाड़ियां पानी में बहीं
2