हिमाचल बस हादसा, सोनीपत पहुंचा महिला का शव:मोनिका का हुआ दाह संस्कार; पति गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती, मासुम मां से मिलने को बेताब

by Carbonmedia
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हिमाचल प्रदेश के कोकसर टेंपो ट्रेवलर हादसे ने गर्मी की छुट्टियों का सपना मंजर बन गया। टेंपो ट्रेवलर हादसे में सोनीपत के करेवड़ी गांव की एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उसका पूरा परिवार गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा ड्राइवर की लापरवाही के चलते हुआ, जिसने एक हाथ से गाड़ी चलाते हुए दूसरे हाथ से फोन पर बात कर रहा था। इस हादसे ने पूरे करेवड़ी गांव को मातम में डुबो दिया है।गांव में उनका दाह संस्कार किया गया है। हादसे की बातें 5 पॉइंट में पढ़िए… 1.गर्मियों की छुट्टी मनाने निकले, लेकिन लौटे मातम में सोनीपत के करेवड़ी गांव का रहने वाला अमित अपनी पत्नी मोनिका और तीन बच्चों के साथ शुक्रवार की शाम गर्मियों की छुट्टी मनाने मनाली के लिए निकला था। उसने एक ट्रैवल्स टूरिस्ट बस की ऑनलाइन बुकिंग की थी। यह यात्रा परिवार के लिए सुकून और सैर-सपाटे की उम्मीद लेकर शुरू हुई थी। अमित की पत्नी मोनिका, दो जुड़वां बेटियां अनिका और अभिका, और ढाई साल का बेटा दीप,सभी बस में सवार थे। 2: ड्राइवर की लापरवाही ने छीनी मां की जिंदगी टूर ट्रेवल्स बस को सोनीपत के फरमाना गांव का रहने वाला ड्राइवर चला रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह एक हाथ से स्टेयरिंग संभाल रहा था और दूसरे हाथ में फोन पकड़े बातचीत कर रहा था। जब बस पहाड़ी रास्तों पर मोड़ पर पहुंची, तो ड्राइवर से गाड़ी संभली नहीं और सीधा 200 फीट गहरी खाई में जा गिरी। हादसा इतना भयानक था कि मोनिका की मौके पर ही मौत हो गई। अमित और तीनों बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। 3: बच्चों को गंभीर चोट, पति एम्स बिलासपुर के आईसीयू में भर्ती हादसे में अमित गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे हिमाचल के बिलासपुर एम्स में भर्ती कराया गया है, जहां वह आईसीयू में भर्ती है और हालत नाजुक बनी हुई है। तीनों बच्चों को भी गंभीर चोटें आई हैं। ढाई साल के दीप को पहले खानपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। लेकिन डॉक्टर न मिलने के कारण उसे तुरंत रोहतक PGI भेजा गया, जहां उसकी हालत गंभीर है।
दोनों जुड़वां बच्चियां अनिका और अभिका अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद गांव करेवड़ी लाई गई हैं। उनके सिर में चोट लगी है। 4: मोनिका का सोनीपत में हुआ अंतिम संस्कार मोनिका का शव करेवड़ी गांव में लाकर आज सुबह अंतिम संस्कार कर दिया गया। ताऊ आनंद सिंह ने बताया कि अमित गांव में अपने माता-पिता को बात कर तो गया था। लेकिन वह उसका काफी नजदीक था।उसने अपने ताऊ को बिना बताए यात्रा की और जाते समय फोन पर केवल यह कहा था कि वह मनाली घूमने आया है। उसके बाद हादसे की ही खबर सुनने को मिली।आज परिवार टूट गया है। 5: अमित करता था सिविल अस्पताल में काम अमित ने 12वीं के बाद आईटीआई किया था और पिछले तीन वर्षों से सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में कौशल रोजगार योजना के तहत धोबी का काम कर रहा था। उसके पिता टेंपो चलाते हैं और छोटा भाई आईटीआई कर रहा है। अमित की शादी 2018 में महलाना गांव की रहने वाली मोनिका से हुई थी। परिवार का पूरा बोझ अमित के कंधों पर था। अब वह खुद आईसीयू में है और पूरे गांव की दुआएं उसके साथ हैं। मासूम सवाल, टूटा परिवार और गूंजती खामोशी गांव का हर कोना इस हादसे से हिल गया है। दोनों बच्चियां अनिका और अभिका घर लौट आई हैं। लेकिन मां मोनिका नजर नहीं आ रही है। उनकी भोली आंखों में उम्मीद अब भी जिंदा है कि मां दरवाजे से आएंगी और गले लगाकर कहेंगी – “आ गई मम्मी…”। लेकिन अब मां नहीं आएगी। ढाई साल का दीप अस्पताल में जूझ रहा है और पिता अमित जिंदगी की जंग लड़ रहा है। करेवड़ी गांव की फिजा में एक भारी सन्नाटा है और हर जुबां पर बस एक ही प्रार्थना है – “हे भगवान, अब तो अमित को बचा ले…”
घर में अब भी अनिका और अभिका बार-बार पूछती हैं – “मम्मी कहां हैं?” दादी और दादा उन्हें हर बार झूठी तसल्ली देकर कहते हैं – “मम्मी कल आ जाएंगी…”। बच्चियों को यह नहीं पता कि मां अब कभी लौटकर नहीं आएगी।

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