हिमाचल प्रदेश के मंडी में कुदरत ने 11 महीने की नन्ही बच्ची से उसके माता-पिता और दादी तीनों को एक साथ छीना। इससे दुधमुंही बच्ची अनाथ हो गई। मगर अब उसी नन्ही नितिका को गोद (एडॉप्ट) लेने के लिए सात-समंदर पार से भी ऑफर आ रहे हैं। आपदा के 15 दिन में लगभग 150 परिवार नितिका को गोद लेने का प्रस्ताव नितिका के परिजनों और स्थानीय प्रशासन के समक्ष रख चुके हैं। मगर नितिका की विवाहित छोटी बुआ किरणा अपने भाई-भाभी की आखिरी निशानी नितिका के पालन-पोषण के लिए तैयार है। अब नितिका अपनी बुआ के साथ रह रही है। 4 प्वाइंट में समझे कैसे अनाथ हुई नितिका..? नितिका के पिता के साथ भी कुदरत ने ऐसा ही खेल खेला था नितिका के चाचा अमरनाथ ने बताया, कुदरत ने जैसा खेल आज से नितिका के साथ खेला है, ठीक वैसा ही लगभग 30 साल पहले नितिका के पिता रमेश के साथ हुआ था। उन्होंने बताया, रमेश जब 6 महीने के थे, तब उनके पिता झाबे राम की एक हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद रमेश का पालन पोषण मां पुर्नू देवी ने किया। उन्होंने बताया कि नितिका को एडॉप्ट करने के लिए लगभग 150 लोग संपर्क कर चुके है। दो से तीन परिवार घर तक पहुंच चुके हैं। पुर्नू देवी सरकारी स्कूल में प्यून की नौकरी करती थीं। वह 6-7महीने बाद रिटायर होने वाली थीं। पुर्नु देवी ने रिटायरमेंट से पहले तलवाड़ा गांव में पुराने मकान के साथ ही एक नया घर बना लिया था। मगर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। नितिका को एडॉप्ट करने के लिए काफी लोग आगे आ रहे: स्मृतिका SDM स्मृतिका नेगी ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों के नितिका को एडॉप्ट करने को फोन आ रहे हैं। कुछ लोग उनसे भी संपर्क कर रहे हैं। कुछ फोन दूसरे अधिकारियों के माध्यम से भी आ रहे हैं। कुछ लोग नितिका के रिश्तेदारों से भी संपर्क कर रहे हैं। मगर नितिका के पालन-पोषण का जिम्मा उसकी छोटी बुआ ने लिया है। मंडी में एक रात में 15 जगह बादल फटे बता दें कि के मंडी जिले में 30 जून की रात 15 जगह बादल फटे। इसमें 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लोग अभी भी लापता है। मंडी जिले में ही 1000 से ज्यादा घर एक रात में ही क्षतिग्रस्त हुए है।
हिमाचल में बाढ़ में बहा नन्ही नितिका का परिवार:150 कपल गोद लेने आगे आए; बुआ ने उठाई जिम्मेदारी, प्रशासन ने खुलवाया बैंक खाता
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