केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस हमेशा अघोषित आपातकाल की बात करती है। केंद्र में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार बनी है, तब से कांग्रेस नेता का काम PM मोदी को गाली देने का ही है। यदि देश में अघोषित आपातकाल होता तो गाली देने के लिए कांग्रेस का एक-एक व्यक्ति जेल में होता है। किरेन रिजिजू ने कहा, आपातकाल के समय बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया। आम आदमी की स्वतंत्रता छीन ली गई। यहां तक की मीडिया एवं ज्युडिशियरी की स्वतंत्रता पर भी लगाम लगाई गई। उस समय की सरकार चाहती थी कि देश की ज्युडिशियरी एक परिवार के प्रति समर्पित हो, उस समय की कांग्रेस सरकार का यह रुख था कि एक परिवार देश पर राज करें और एक तरफ लोकतंत्र मर जाए। केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज देश में विपक्ष छोटी सी किताब लेकर घूम रहा है और संविधान बचाने की गुहार लगा रहा है। कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी: मल्होत्रा उधर, धर्मशाला में केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने आरोप लगाया कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं, बल्कि अपने चुनाव को रद्ध किए जाने और सता बचाने की हताशा में लिया गया था। उन्होंने कहा कि आपातकाल की घोषणा कोई राष्ट्रीय संकट का नतीजा नहीं थी, बल्कि यह एक डरी हुई प्रधानमंत्री की सत्ता बचाने की रणनीति थी, जिसे न्यायपालिका से मिली चुनौती से बौखला कर थोपा गया। उन्होंने कहा, इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति की आड़ लेकर अनुच्छेद 352 का दुरुपयोग किया, जबकि न उस समय कोई युद्ध की स्थिति थी, न विद्रोह और न ही कोई बाहरी आक्रमण हुआ, यह सिर्फ इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा की चुनावी सदस्यता रद्द करने के निर्णय को निष्क्रिय करने और अपनी कुर्सी को बचाने की जिद थी। लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदला: हर्ष जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थीं, उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रचा गया। राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कार्यपालिका विधायिका और न्यायपालिका सहित लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को बंधक बनाकर सत्ता के आगे घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। प्रेस की स्वतंत्रता पर ऐसा हमला हुआ कि बड़े-बड़े अखबारों की बिजली काट दी गई, सेंसरशिप लगाई गई और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया। संजय गांधी न राजनीति, न भाषा का ज्ञान था: मल्होत्रा राज्य मंत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी जिन्हें न तो राजनीति की भाषा का ज्ञान था न ही उन्हें समाज के बारे में कोई समझ थी। आपातकाल में संजय गांधी ने हिटलर की भूमिका निभाई। उन्होंने देशभर में पुरुष नसबंदी करवाने का आदेश दिया। इस निर्णय के पीछे सरकार की मंशा थी कि देश की आबादी को नियंत्रित किया जा सके।
हिमाचल में 2 केंद्रीय मंत्री का कांग्रेस पर निशाना:बोले-इमरजेंसी लगाकर स्वतंत्रता छीनी, मल्होत्रा ने कहा-संजय गांधी को राजनीति और भाषा दोनों का ज्ञान नहीं था
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