हिमाचल में HRTC का बड़ा बदलाव, पास के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू, यात्रियों को ऐसे होगा फायदा

by Carbonmedia
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हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) और बस अड्डा प्रबंधन प्राधिकरण की निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य परिवहन सेवाओं को लोगों के लिए सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ इन सेवाओं को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए निगम की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और लाभकारी दिशा में ले जाना है.
इस अवसर पर डिप्टी सीएम ने निगम के कार्यों को और अधिक डिज़िटल और प्रभावी बनाने के लिए चार नए आईटी सॉफ्टवेयर का शुभारंभ भी किया. उन्होंने कहा कि निगम द्वारा रियायती पास के लिए ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है. अब विद्यार्थी, प्रदेश सरकार के कर्मचारी और व्यापारी वर्ग ऑनलाइन पास के लिए आवेदन कर सकेंगे और पास बनाने के लिए देय राशि भी ऑनलाइन जमा कराई जा सकेगी. निगम द्वारा पेपरलेस आरएफआईडी आधारित पास कार्ड जारी किए जाएंगे.

आज शिमला में हिमाचल पथ परिवहन निगम के निदेशक मंडल और हिमाचल प्रदेश शहरी परिवहन व बस अड्डा प्रबन्धन एवं विकास प्राधिकरण के निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता की।बैठक में यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत प्रदेश के सभी बस अड्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए। साथ ही,… pic.twitter.com/d8grOxt7Q7
— Mukesh Agnihotri (@Agnihotriinc) July 29, 2025

ऑनलाइन देख सकेंगे वेतन संबंधी विवरण
उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक नई डिज़िटल निरीक्षण प्रणाली भी शुरू की गई है जिससे अब सभी बसों की जानकारी एसएमएस के माध्यम से भेजी जा सकेगी. इसके अलावा शिमला की 82 बसों में जीपीएस आधारित बस ट्रैकिंग प्रणाली शुरू की गई जिसे चरणबद्ध तरीके से सभी बसों में लागू किया जाएगा, साथ ही एचआरटीसी हिम एक्सेस नामक एक नया प्लेटफार्म भी शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से निगम के नौ हजार से अधिक कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत जानकारी और वेतन संबंधी विवरण ऑनलाइन देख सकेंगे.
‘ई-चार्ज़िंग स्टेशन जल्द से जल्द किए जाएंगे स्थापित’
अग्निहोत्री ने बताया कि राज्यभर के विभिन्न बस अड्डों की मुरम्मत और रख-रखाव के लिए सात करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. सभी बस अड्डों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. बिलासपुर के ‘मंडी-भराड़ी’ में एक आधुनिक बस अड्डे की स्थापना की जाएगी, ताकि यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें. उन्होंने कहा कि राज्य में इलैक्ट्रिक बसों के आगमन से पूर्व आवश्यक बुनियादी ढांचे की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दृष्टिगत बस अड्डों एवं कार्यशालाओं में ई-चार्ज़िंग स्टेशन जल्द से जल्द स्थापित किए जाएंगे.
‘लॉयल्टी प्रोग्राम के अन्तर्गत दिया जाएगा कैशबैक’
उन्होंने कहा कि निदेशक मंडल ने ‘हिम बस प्लस’ नामक एक नई योजना शुरू करने को मंजूरी दी. यह योजना पहचान प्रबंधन और कैशलेस भुगतान दोनों को एकीकृत करेगी. इस योजना के अन्तर्गत कार्ड धारकों को सभी एचआरटीसी बसों (वॉल्वो सहित) किराए में पांच प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसके अलावा इस कार्ड से हर महीने यात्रा के आधार पर यात्रियों को लॉयल्टी प्रोग्राम के अन्तर्गत कैशबैक भी दिया जाएगा.
’20 प्रतिशत तक की छूट का मिलेगा लाभ’
अग्निहोत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र से मिल रही प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए सुपर लग्जरी बसों के हिमाचल क्षेत्र के किराये पर 15 प्रतिशत की कटौती करने का निर्णय लिया गया है. ‘हिम बस प्लस’ कार्ड से यात्रा करने पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त छूट मिलने के साथ यात्रियों को कुल 20 प्रतिशत तक की छूट का लाभ मिलेगा.
‘ढाबा नीति लागू’ करने के भी दिए निर्देश’
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने और निगम की आय में वृद्धि के उद्देश्य से शिमला के आसपास के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों के लिए टूरिस्ट-डे सर्किट शुरू करने का निर्णय लिया गया है. साथ ही गैर परिचालन राजस्व बढ़ाने के दृष्टिगत टिकटों, वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर विज्ञापन नीति लागू करने और निगम के खुद के पेट्रोल पम्पों में आम जनता के र्लिए इंधन बिक्री के लिए दो-तीन स्थानों पर पायलेट आधार पर रिटेल फ्यूल आउटलेट, शुरू करने की योजनाओं को भी मंजूरी दी गई. इसके अलावा उप-मुख्यमंत्री ने यात्रियों की सुविधा और खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एचआरटीसी मार्गों पर ढाबा/रेस्तरां की सूचीबद्धता एवं आबंटन के लिए एक समग्र्र ‘ढाबा नीति लागू’ करने के भी निर्देश दिए.
‘कर्मचारियों को एक वर्दी के बदले दी जाएगी नकद राशि’
अग्निहोत्री ने कहा कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निगम के कर्मचारियों की वर्दी का रंग ‘ग्रे’ से बदल कर खाकी किया जाएगा. टेंडर प्रक्रिया में देरी के कारण फिलहाल कर्मचारियों को एक वर्दी के बदले नकद राशि दी जाएगी. उन्होंने वर्दी खरीद प्रक्रिया को एक माह में पूरा करने के निर्देश दिए. इसके अलावा बसों की जांच के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर ऑटोमेटिक टेस्टिंग स्टेशन स्थापित करने का निर्णय भी लिया गया है जिससे निगम को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.
अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन आर.डी. नजीम, उपाध्यक्ष एचआरटीसी अजय वर्मा, निदेशक परिवहन डी.सी. नेगी, विशेष सचिव (वित्त) विजयवर्धन, विशेष सचिव पर्यटन विजय कुमार, संयुक्त सचिव (पीडब्ल्यूडी) सुरजीत राठौर, प्रबंध निदेशक एचआरटीसी डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक मंडल के सभी गैर सरकारी सदस्य और एचआरटीसी एवं बीएसएमडीए के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे.

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