हिमाचल: सराज के आपदा प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, दिए ये निर्देश..

by Carbonmedia
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हिमाचल प्रदेश के सराज में राजस्व, एंव बागवानी, मंत्री जगत सिंह नेगी ने सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान वे प्रभावितों से मिले और उनके दुःख-दर्द साझा किए.
उन्होंने ग्राम पंचायत पखरैर के देज़ी, थुनाग बाजार, लंबाथाच, जरोल, पांडव शिला और ग्राम पंचायत धारजरोल, बायोड, बुंग रैलचौक, शोढाधार, जंजैहली और ढीमकटारू व ग्राम पंचायत संगलवाड़ा में प्रभावित गांवों का दौरा कर लोगों का हाल जाना.
आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ-  जगत सिंह
राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा चलाए जा रहे पुनर्निर्माण कार्यों की स्थल पर जाकर जानकारी ली तथा अधिकारियों को इसमें और तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रदेश सरकार प्रभावितों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है. प्राकृतिक आपदा के उपरांत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू स्वयं यहां पहुंचे और ग्राऊंड जीरो पर रहकर राहत एवं पुनर्वास कार्यों को गति प्रदान की.
मंत्रिमंडल के सहयोगी भी निरंतर यहां दौरा कर रहे हैं. प्रशासनिक व विभागीय अधिकारी यहां सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए दिन-रात कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सम्पर्क सड़कों की बहाली के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. जल शक्ति विभाग द्वारा अधिकांश पेयजल योजनाएं आंशिक तौर पर बहाल कर ली गई हैं.
घर बनाने के लिए सात लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा 
राजस्व मंत्री ने कहा कि जिन लोगों के मकान इस आपदा में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें पुनःघर बनाने के लिए सात-सात लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है. देश में प्रभावितों को मिलने वाली यह सर्वाधिक मुआवजा राशि है. उन्होंने कहा कि मकान बनाने के लिए भूमि उपलब्ध करवाना सबसे बड़ी चुनौती है.
हिमाचल में खाली पड़ी जमीन वन भूमि के अंतर्गत आती है और वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत यह भूमि बदले में देने का प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 की आपदा के उपरांत प्रदेश विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा गया था जिसमें इस नियम में छूट देने के लिए एक्ट में संशोधन का आग्रह किया गया है.
पशु धन को हानि पर भी मुआवजा राशि बढ़ाई गई
जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की कृषि व बागवानी फसलों को हुए नुकसान का मूल्यांकन बागवानी, कृषि व राजस्व विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से करेंगे. अभी यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास लंबित है. उन्होंने कहा कि यहां प्रभावित हुए ऐसे लोग जिनकी वन भूमि पर जीवनचर्या निर्भर करती है, वे पात्रता अनुसार वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत भी भूमि ले सकते हैं.
इसके साथ ही खेती योग्य व बागवानी भूमि को हुए नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे में भी प्रदेश सरकार ने वर्ष 2023 के राहत पैकेज के तहत बढ़ोतरी की है. इसके अतिरिक्त पशु धन को हानि पर भी मुआवजा राशि बढ़ाई गई है.
परी शरमा की रिपोर्ट

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