हरियाणा के हिसार जिले के खांडा खेड़ी गांव के पहलवान सचिन सिंधु ने कजाकिस्तान के आस्ताना में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने ग्रेपलिंग रेसलिंग वर्ल्ड कप में 130 किलोग्राम भार वर्ग की सीनियर मैन कैटेगरी में कांस्य पदक जीता। 12 से 16 जून तक चले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट के बाद सचिन जब गांव लौटे, तो उनका भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने पहनाई नोटों की माला गांव के बस स्टैंड से घर तक खुली जीप में यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने फूलों और नोटों की मालाएं पहनाई। ढोल-नगाड़ों की थाप पर गांव के युवाओं ने सचिन को कंधों पर उठाकर जश्न मनाया। सचिन रोहतक के सुरेश अखाड़े में प्रशिक्षण लेते हैं और साथ में बीकॉम की पढ़ाई भी कर रहे हैं। उनके पिता विनोद छत्तीसगढ़ में प्राइवेट जॉब करते हैं और मां मुकेश देवी गृहिणी हैं। सचिन का लक्ष्य भारत के लिए ओलिंपिक में जीतना है। सचिन का खेल करियर शानदार रहा। सचिन गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा उन्होंने 2023 में अयोध्या में आयोजित नेशनल ग्रेपलिंग रेसलिंग में स्वर्ण पदक जीता। 2024 में विशाखापट्टनम की नेशनल चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया। 2025 में हरिद्वार और शिमला की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किए। ग्रामीण सरपंच प्रतिनिधि बलजीत सिंधु सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि सचिन गांव के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। इस उपलब्धि से खांडा खेड़ी एक बार फिर खेलों के मानचित्र पर आ गया है।
हिसार के पहलवान सचिन सिंधु ने जीता कांस्य पदक:कजाकिस्तान में ग्रेपलिंग रेसलिंग वर्ल्ड कप, गांव पहुंचने पर हुआ स्वागत
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