हिसार जिले के गांव भाटोल जाटान के प्रिंस बामल ने 22 साल की उम्र में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर इतिहास रच दिया है। प्रिंस का चयन एनडीए के 146वें कोर्स में हुआ। उन्होंने देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी में पासिंग आउट परेड के दौरान लेफ्टिनेंट की वर्दी पहनी। प्रिंस के पिता विक्रम बामल फरीदाबाद की टायर कंपनी ‘गुड ईयर’ में पर्यवेक्षक हैं। उनके दादा स्व. जय नारायण बामल का सपना था कि परिवार का कोई सदस्य सेना में जाए। प्रिंस ने 19 वर्ष की उम्र में एनडीए की प्रवेश परीक्षा पास की थी। इसके बाद उन्होंने पुणे में एनडीए और देहरादून में आईएमए का प्रशिक्षण पूरा किया। देश की सेवा करना सपना: प्रिंस प्रिंस ने कहा कि उनका सपना हमेशा से जैतून हरे रंग की वर्दी पहनकर देश की सेवा करना है। वे इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। विशेष रूप से अपने पिता को, जिनकी मेहनत और प्रेरणा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। फ्रंटलाइन यूनिट में हुई पहली पोस्टिंग गांव भाटोल जाटान और आसपास के क्षेत्र में खुशी का माहौल है। लोग प्रिंस को युवाओं के लिए प्रेरणा मान रहे हैं। लेफ्टिनेंट प्रिंस बामल की पहली पोस्टिंग एक फ्रंटलाइन यूनिट में हुई है। यहां वे साहस और अनुशासन के साथ देश की सेवा करेंगे। उनकी यह सफलता क्षेत्र के युवाओं के लिए एक नई दिशा का काम करेगी।
हिसार के प्रिंस बामल बने लेफ्टिनेंट:19 साल की उम्र में NDA क्लीयर किया, फ्रंटलाइन यूनिट में हुई पहली पोस्टिंग
4