हिसार-भिवानी की नहर में मिलाया सीवरेज का पानी:100 से ज्यादा गांवों में पहुंच रहा दूषित जल, किसान संगठनों का विरोध

by Carbonmedia
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हिसार जिले में सिंचाई विभाग द्वारा चार स्थानों पर पंपसेट लगाकर सीवर का पानी नहरी जल में मिलाया जा रहा है। यह दूषित जल हिसार और भिवानी जिले के 100 से अधिक गांवों के वाटर वर्कर्स तक पहुंच रहा है। बालसमंद क्षेत्र के किसान संगठनों ने कार्य का विरोध किया है। किसानों ने जिला उपायुक्त और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मिलकर इस कार्यवाही को रोकने की मांग की है। 16 दिन की नहर बंदी के बाद आया पानी किसान संघर्ष समिति के प्रधान सुरेंद्र आर्य के अनुसार 16 दिन की नहर बंदी के बाद सोमवार को पानी आया। मंगलवार से ही सीवर का पानी नहरों में डाला जाने लगा। अभी तक सभी गांवों के जलघर नहीं भरे हैं। फिर भी सीवर का पानी 100 से अधिक जलघरों तक पहुंच रहा है। विभाग ने जानबूझकर किया कार्य किसान नेताओं का कहना है कि उन्होंने सिंचाई विभाग के साथ कई बैठकों में इस प्रोजेक्ट का विरोध किया था। इसके बावजूद विभाग ने जानबूझकर यह कार्य शुरू कर दिया है। इस कार्यवाही से क्षेत्र के सैकड़ों गांवों को दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। विरोध में किसान पहुंचे हिसार धीरणवास के सुरेंद्र आर्य ने बताया कि वाटर वर्कर्स तक आने वाली पाइपलाइन में नहर के जरिए गंदा पानी पहुंचने की सुचना जैसे ही किसानों को मिली, तो विरोध करने बालसमंद क्षेत्र के किसान नहरी विभाग के एसई कार्यालय में पहुंचे, लेकिन यहां पर सभी अधिकारी कार्यालय में नहीं मिले। किसान नहरी विभाग के अधिकारियो से बातचीत कर उपायुक्त अनीश यादव से मिलकर इसको हटवाने का आग्रह करेंगे। अगर सहमति नहीं बनी, तो किसान विरोध में धरना प्रदर्शन कर पम्पसैट को उखाड़ फेंक देंगे। 4 जगह डाला जा रहा गंदा पानी बरसाती मौसम में ड्रेन में पानी का लेवल बढ़ने पर सिंचाई विभाग ने 4 जगह पंपसेट लगाकर ड्रेन के पानी को कम करना चाहा। सिंचाई विभाग के वायरल पत्र के अनुसार 4 जगह पंपसेट लगाकर दूषित पानी नहरी पानी में मिलाया जा रहा है। चौधरी माइनर, देवसर फीडर, सरसाना माइनर और सिवानी फीडर में इस गंदे पानी को सप्लाई किया जा रहा है। पिछली साल भी उठा था मामला इस वर्ष पानी डालने की बात नई नहीं है। पिछले वर्ष भी सिंचाई विभाग ने पंपसेट लगाकर नहरी पानी में ड्रेन के पानी को डाला था जिसका बालसमंद क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने विरोध किया। इस बार फिर सिंचाई विभाग ने ड्रेन के गंदे पानी को नहरी पानी में डालने का कार्य किया है। डॉक्टर सुभाष खतरेजा ने बताया कि नहरी पानी में ड्रेन का गंदा पानी डालने से कई बीमारियां फैल सकती हैं। ये बीमारियां फैलने की आशंका – जलजनित रोग- दूषित पानी के सेवन से हैजा, टाइफाइड, पेचिश जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
– वायरल संक्रमण- दूषित पानी में हेपेटाइटिस ए और ई जैसे वायरस हो सकते हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
– बैक्टीरिया संक्रमण- ई. कोलाई, साल्मोनेला जैसे बैक्टीरिया दूषित पानी में पाए जा सकते हैं, जो दस्त, उल्टी और पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
– परजीवी संक्रमण- दूषित पानी में परजीवी जैसे कि गरार्डिया और क्रिप्टो स्पोरिडियम हो सकते हैं, जो पेट की समस्याएं पैदा कर सकते हैं। नहरी पानी में ड्रेन का गंदा पानी डालने से न केवल मानव स्वास्थ्य को खतरा होता है, बल्कि यह पर्यावरण और जलीय जीवन को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जल संसाधनों की सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी है।

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