हिसार जिले के उकलाना ब्लॉक की आशा वर्कर्स ने सैलरी और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। छह माह से सैलरी न मिलने से आक्रोशित आशा वर्कर्स ने 9 जुलाई को हड़ताल करने का निर्णय लिया है। इस हड़ताल का आह्वान “आशा वर्कर्स एंड फैसिलिटेटर फेडरेशन ऑफ इंडिया” द्वारा किया गया है। इस संबंध में ब्लॉक की बैठक ब्लॉक प्रधान सुमन की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें मीटिंग का संचालन रीना ने किया। बैठक में ब्लॉक नेता सुनील, सलोचना और मोनिका सहित अनेक आशा वर्कर्स ने भाग लिया। बैठक में बताया गया कि पिछले 6 महीनों से आशा वर्कर्स को सैलरी नहीं मिली है, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। नेताओं ने कहा कि सरकारें आशा वर्कर्स के काम को महत्वपूर्ण तो मानती हैं, लेकिन न तो उनकी प्रोत्साहन राशि में वृद्धि की जा रही है और न ही समय पर भुगतान किया जाता है। पिछले 12 सालों से केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। नेताओं ने कहा कि आशा वर्कर्स से लगातार फील्ड में स्वास्थ्य से जुड़े कार्य कराए जा रहे हैं, अब डिजिटल कार्य भी सौंपे जा रहे हैं, लेकिन इसके बदले कोई उचित प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा। केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर आशा वर्कर्स की मांगों को टाल रही हैं, जिससे देशभर की करीब 10 लाख आशा वर्कर्स में भारी नाराजगी है। हरियाणा सरकार से मांगें-
2023 की 73 दिन की हड़ताल के दौरान काटे गए मानदेय का तुरंत भुगतान किया जाए। राज्य स्तरीय समस्याओं के समाधान के लिए आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की जाए। केंद्र सरकार से प्रमुख मांगें-
1. एनएचएम को स्थायी प्रोग्राम बनाकर आशा वर्कर्स को पक्का कर्मचारी बनाया जाए या 45वें-46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुसार ₹26,000 मासिक वेतन दिया जाए। 2. पूरे देश में समान कार्य परिस्थितियां सुनिश्चित की जाएं। 3. 6 माह का सवेतन मातृत्व छुट्टी, 20 दिन आकस्मिक छुट्टी एवं चिकित्सा छुट्टी दिया जाए। 4. पेंशन तक कोई सेवानिवृत्ति न हो। 5. वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति का प्रावधान हो। 6. सभी पीएचसी, सीएचसी व अस्पतालों में ‘आशा विश्राम कक्ष’ बनाए जाएं। 7. आशा वर्कर्स को स्कूटर व यात्रा भत्ता दिया जाए। 8. डिजिटल कार्यों हेतु उच्च गुणवत्ता वाले टैबलेट, डेटा पैक व प्रशिक्षण दिया जाए। 9. ऑनलाइन कार्यों के लिए उचित इंसेंटिव दिया जाए। 10. सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाई जाए एवं इन्हें मजबूत किया जाए। 11. चारों श्रम संहिताएं रद्द की जाएं व आशा वर्कर्स को श्रम कानूनों के तहत लाया जाए। नेताओं ने कहा कि 9 जुलाई को होने वाली देशव्यापी हड़ताल को राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन प्राप्त है। आशा वर्कर्स इस हड़ताल को पूरी ताकत से सफल बनाएंगी। इस दौरान सीमा, सलोचना, मोनिका, सुमन, राजवंती, शिमला, किरण, शीला आदि सहित अनेक आशा वर्कर मौजूद रही।
हिसार में आशा वर्कर्स की बैठक:9 जुलाई को हड़ताल का ऐलान, सैलरी बढ़ाने और प्रमोशन की मांग
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