हिसार में फर्जी डॉक्टर पकड़ा गया:बिना डिग्री के 25 साल से चला रहा अस्पताल, सीएम फ्लाइंग ने की कार्रवाई

by Carbonmedia
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हिसार के बालसमंद गांव में सीएम फ्लाइंग ने एक बड़े चिकित्सा घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांगड़ा हॉस्पिटल के संचालक धर्मपाल को बिना वैध मेडिकल डिग्री के अस्पताल चलाने के आरोप में हिरासत में लिया गया है। सीएम फ्लाइंग इंचार्ज सुनैना के नेतृत्व में टीम ने शुक्रवार सुबह 11 बजे अस्पताल पर छापा मारा। टीम में एएसआई सुरेंद्र, मेडिकल ऑफिसर डॉ. नवीन बेनीवाल और ड्रग कंट्रोल ऑफिसर अजय बिश्नोई शामिल थे। धर्मपाल ने दावा किया कि उसके पास इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ‘आयुर्वेद रत्न’ की डिग्री है। जांच में पता चला कि वह पिछले 25 वर्षों से बिना वैध मेडिकल डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था। वह एलोपैथिक दवाएं भी दे रहा था। अस्पताल के विजिटिंग डॉक्टर कृष्ण कुमार मोहन छापेमारी के दो घंटे बाद मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह 2013 से बिना वेतन के विजिटिंग डॉक्टर हैं। डॉ. मोहन ने स्पष्ट किया कि वह केवल आयुर्वेदिक चिकित्सा जानते हैं। एलोपैथिक दवाओं का ज्ञान नहीं रखते। टीम ने देर रात पुलिस को बुलाकर मामला दर्ज कराया। धर्मपाल को हिरासत में ले लिया गया है। यह मामला अवैध चिकित्सा पद्धति की गंभीरता को उजागर करता है। अस्पताल में मिले उपकरण और दस्तावेज जांच के दौरान अस्पताल में चार बेड, एक ऑक्सीजन सिलेंडर, एक बीपी मशीन, और सुखदा मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल व जांगड़ा हॉस्पिटल के लेटरहैड बरामद किए गए। अस्पताल परिसर में ‘अजय मेडिसिन सेंटर’ नामक दवा की दुकान भी संचालित हो रही थी, जहां से मरीजों के लिए दवाएं ली जा रही थीं। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि डॉ. मोहन 20 मई 2025 को अस्पताल में आए थे। धर्मपाल ने बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन का करार, डॉ. मोहन का एफिडेविट, उनकी डिग्री की कॉपी, अपनी ‘आयुर्वेद रत्न’ डिग्री, और मरीजों के बयान व आधार कार्ड की प्रतियां जैसे दस्तावेज सौंपे। जांच के दौरान टीम को धर्मपाल ने बताया कि डॉ. निधि मेहता हर गुरुवार को अस्पताल में मरीज देखने आती हैं। हालांकि, इस दावे की पुष्टि के लिए जांच जारी है। सीएम फ्लाइंग की 11 घंटे तक चली जांच सीएम फ्लाइंग ने सभी दस्तावेजों को जब्त कर लिया है और मामले की लगातार 11 घंटों तक गहन जांच की। रात्रि 11 बजे तक टीम मामले की जांच में लगी रही। अवैध रूप से एलोपैथिक दवाओं का उपयोग और बिना वैध डिग्री के अस्पताल संचालन को लेकर अब धर्मपाल के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत पुलिस ने सदर थाना हिसार में देर रात्रि को केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध चिकित्सा पद्धतियों पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय लोगों ने सीएम फ्लाइंग की इस कार्रवाई की सराहना की है और मांग की है कि ऐसे अवैध अस्पतालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि मरीजों की जान को खतरा न हो। फर्जी मेडिकल संचालकों में हड़कंप जांगड़ा अस्पताल पर रेड की सूचना जैसे ही गांव बालसमंद में फैली तो बालसमंद में अवैध तरीके से चल रहे करीब दस मेडिकल संचालक अपने मेडिकल बंद कर फरार हो गए। ऐसी सूचना पर फरार मेडिकल संचालकों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे लोग फर्जी दस्तावेज से आमजन की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है। बिन डिग्री के काम कर रहे हेल्पर अस्पताल में धर्मपाल ने दो युवकों को हेल्पर के तौर पर नौकरी पर रखा हुआ है जो मरीजों को इंजेक्शन दवा देते है लेकिन इन युवकों के पास कोई डिग्री नहीं है। बिना मेडिकल लाइन की जानकारी के ये युवक आमजन को दवा इंजेक्शन दे रहे है।

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