हिसार के सूरेवाला व आसपास के गांवों में खेतों का भूमिगत पानी खारा है। खेत बंजर होते जा रहे थे और किसानों पर कर्ज बढ़ रहा था। गुरुग्राम में आईटी कंपनी में नौकरी कर रहे दरवेश पातड़ ने जब पिता विजय सिंह काे इन हालातों में जूझते देखा ताे नौकरी छोड़कर खेती करने की ठानी। दरवेश कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएट हैं। करनाल के घरौंडा कृषि विज्ञान केंद्र से नेट हाउस, डबवाली के मांगेआना से किन्नू और लाडवा के कृषि विज्ञान केंद्र से आड़ू, आलूबुखारा आदि की ट्रेनिंग ली। 2019 में बर्बाद हो गई थी फसल दरवेश बताते हैं कि साल 2019 में उनकी कपास की फसल बर्बाद हाे गई थी। भूमिगत जलस्तर करीब 60 फीट नीचे जा चुका है। इसे देखते हुए इंडो-इजराइल तकनीक से खेत में एक तालाब बनवाया। बागवानी में टपका सिंचाई के लिए पाइपें लगवाईं। इससे पानी की 75% तक बचत होती है। नहरी पानी काे तालाब में स्टोर करके खेत में पानी देना शुरू किया। अन्य किसानों ने भी एक ट्यूबवेल लगाकर पाइपलाइन डाली। खेती के लिए लगाया कम्पोस्ट प्लांट उसने करीब 12 एकड़ में फल-सब्जियों की खेती शुरू की। जीरो बजट आधारित खेती के लिए कम्पोस्ट प्लांट लगाया। यहां केंचुआ खाद भी तैयार की जाती है। बायोगैस प्लांट भी लगाया गया। सौर ऊर्जा आधारित पंप लगाए गए हैं। खेत में अभी अमरूद, मालटा,किन्नू, आड़ू का बाग लगाया हुआ है। दाे एकड़ में दाे अलग-अलग नेट हाउस लगाकर खीरा और रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं। शिमला मिर्च की फसल दिल्ली, चंडीगढ़ और लुधियाना भेजते हैं। 12 एकड़ में लाखों की आमदनी बागवानी की फसलें खरीदने के लिए ठेकेदार आते हैं या मंडी में भेज देते हैं। अब 12 एकड़ जमीन से सालाना 35 से 40 लाख रुपए की आमदनी हो रही है। प्रगतिशील किसान दरवेश ने 2 साल से हाइटेक नर्सरी भी शुरू कर दी है। उनकी नर्सरी के पौधे नेशनल हार्टिकल्चर बोर्ड और हरियाणा हार्टिकल्चर विभाग से प्रमाणित हैं। 100 एकड़ में शुरू कराई बागवानी अब तक वे आसपास के क्षेत्र में करीब 100 एकड़ में बागवानी शुरू करा चुके हैं। अभी नर्सरी में 25 हजार पौधे सालाना तैयार हाे रहे हैं। दाे साल में इनका लक्ष्य एक लाख पौधे तैयार करने का है। इसके अलावा अमरूद व किन्नू की प्रोसेसिंग प्लांट की भी तैयारी है। नितिन गडकरी कर चुके हैं सम्मानित अटल भू-जल योजना के तहत सिंचाई विभाग उनके खेत में किसानों काे ट्रेनिंग देता है। एचएयू के कृषि विज्ञान केंद्रों से भी किसानों की टीमों काे खेत का भ्रमण कराया जाता है। दरवेश को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सम्मानित कर चुके हैं। हरियाणा सरकार ने भी उनको सब्जी रत्न और प्रगतिशील किसान का अवॉर्ड दिया है।
हिसार में बंजर जमीन पर 40 लाख की कमाई:पिता को परेशान देख दरवेश ने छोड़ी नौकरी; टपका सिंचाई से मालटा-किन्नू के बाग लगाए
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