हिसार की चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (HAU) के गर्ल्स हॉस्टल में एंट्री को लेकर शनिवार रात को एक बार फिर बवाल हो गया। छात्राओं का आरोप है कि हॉस्टल की मैस में खाना बंद कर दिया है। ऐसे में उनका धरना भी चल रहा है। वहीं से खाना खाने के बाद वह हॉस्टल पहुंची तो बाहर का गेट बंद था। हॉस्टल के अंदर के गेट पर ताला लटका था। जब उन्होंने रोष जताया तो इसके बावजूद हॉस्टल के अंदर का गेट नहीं खोला गया। यह मामला एचएयू के हॉस्टल नर्मदा व गंगोत्री हॉस्टल का है। हॉस्टल में एंट्री को लेकर छात्राओं ने बाहर गेट पर धरना दे दिया और कहा कि जब तक हॉस्टल में एंट्री नहीं मिलेगी, वह बाहर हीं जाएगी। इसके कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिस पर लोगों के काफी कमेंट आए। इससे संबंधित कुछ वीडियो ऐसे भी है, जो हॉस्टल के अंदर से कुछ छात्राएं बना रही है, जिसमें साफ दिख रहा है कि हॉस्टल में एंट्री का मेन गेट बंद है और बाहरी गेट के पास छात्राएं धरने पर बैठी। इस दौरान यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। आखिर कई देर हंगामे के बाद छात्राओं के लिए गेट खोले गए और हॉस्टल में एंट्री दी गई। इसके बाद मामला शांत हुआ। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन मौन है। इन आरोपों में यूनिवर्सिटी प्रशासन जिला प्रशासन और पुलिस का सहारा लेकर अपना पक्ष या बयान भी जारी करवाया है और इसे पूरी तरह प्रोपगंडा बताया। इस पर यूनिवर्सिटी से किसी भी अधिकारी या चीफ वार्डन या डीन का नाम नहीं दिया गया। इसका भी छात्रों ने रोष जताया। वार्डन ने अभिभावकों को किए फोन, छात्राएं बोली, हम उनकी सहमति से यहां है इस बारे में छात्राओं ने बताया कि वह हॉस्टल में खाना बंद है। इसलिए वह यूनिवर्सिटी के गेट नंबर चार पर जारी धरने पर खाना खाने के लिए करीब 7.35 बजे वह हॉस्टल में पहुंची थी। इस दौरान हॉस्टल बंद था और उनको एंट्री नहीं दी गई। जब उन्होंने वार्डन से बात की तो नहीं मानी। मजबूरन धरने पर बैठी। कई देर तक वह प्रदर्शन करती रही। रात को एंट्री दी और उनके घर पर अभिभावकों को फोन किया और कहा कि यह घर नहीं जा रही। छात्राओं का कहना है कि वह अपने अभिभावकों की सहमति के बाद ही यहां है। HAU यूनिवर्सिटी ने जारी किया पक्ष : हॉस्टल का गेट खुला होने के बावजूद प्रोपेगेंडा जारी एचएयू के हॉस्टल को लेकर एक बार फिर प्रोपेगेंडा आंदोलन किया गया। इस प्रोपेगेंडा में वे छात्राएं शामिल हैं, जो छुट्टी होने के बावजूद घर नहीं गई, लेकिन फिर भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को देखते हुए हॉस्टल के दरवाजे खोल रखे थे। बावजूद इसके उन्होंने हॉस्टल के सामने हंगामा किया, लेकिन वहां एकदम साफ तौर पर दिख रहा है कि हॉस्टल के गेट खुले हैं। छात्राएं अंदर नहीं जा रही हैं। इनमें से कुछ महिलाएं विश्वविद्यालय से बाहर की थी, जिन्होंने अपने मुंह ढके हुए थे। यह केवल एक प्रोपेगेंडा के तहत किया गया, ताकि मीडिया में उन्हें स्पेस मिल सके। इस हरकत के दौरान फिर से वही बातें दोहराई गई जो विधि और न्याय संगत नहीं थी। छात्र बोले-यूनिवर्सिटी प्रशासन जिस गेट की बात कर रहा, वो बाहरी गेट है, जो बाद में खाेला इस पर छात्र कमेटी और छात्राओं से बात की गई तो कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन जिस गेट के बारे में कह रहा है, वो हॉस्टल के चाहरदीवारी का बाहरी गेट है। वो भी पहले बंद था, जो बाद में खोला नहीं गया। जबकि हॉस्टल के अदंर वाला गेट बंद था और उस पर ताला लटका था। जब इसे खोलने के लिए कहा तो वार्डन ने नहीं खोला। कुछ देर तक उनकी समस्या जानने भी कोई नहीं पहुंचा।
हिसार यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में एंट्री पर फिर बवाल:छात्राओं का आरोप-गेट बंद किए, यूनिवर्सिटी प्रशासन मौन, जिला प्रशासन-पुलिस का सहारा
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