हिसार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) के छात्रों और सरकार के बीच बुधवार को सहमति बन गई थी, लेकिन रातों रात फिर मामला उलटा हो गया। सरकार से कोई मंत्री का प्रतिनिधिमंडल बुधवार शाम या रात तक मिलने नहीं पहुंचा। छात्र कमेटी बोली कि हमारे प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच सबसे पहले इस बात पर सुलह हुई थी कि वीसी को छह माह की छुटटी पर भेज दिया जाएगा। साथ ही रिटायर्ड जज और आईएएस की कमेटी बनाई जाएगी, जो पूरे मामले की जांच करेगी। बाकी कुल 8 मांगे थे, उन पर पूरी किए जाने की बात कहने पर सहमति बन गई थी। वार्ता में यह कहा कि पहले आप प्रैसवार्ता करें। जैसे ही आप धरने पर जाएंगे, आपको रूझान आने शुरू होंगे। छात्रों के पक्ष में ऐसे कोई फेवर नहीं आया। शिक्षा मंत्री ने यह कहा था कि एक घंटे वाला काम एक घंटे में और दो घंटे वाला काम दो घंटे में हो जाएगा। अब तो कई घंटे गुजर चुके हैं। सिर्फ डॉ. एमएल खिचड़ को डीएसडब्ल्यूओ पद से हटा दिया। क्या वहीं कार्य पांच मिनट में होने वाला था? यह षडयंत्र रचकर सरकार ने धरने को खत्म करने की साजिश की है। 27 जून को यूनिवर्सिटी बंद का ऐलान धरनारत छात्रों के समर्थन देने पर संयुक्त किसान मोर्चा व अन्य संगठनों ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा का नाम लेते हुए ऐलान किया कि सरकार ने यह वादाखिलाफ और धरना खत्म करने की गलत राजनीति की है। संगठन इन छात्रों के साथ है। 27 जून को यूनिवर्सिटी बंद करने का काम किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के चारों गेट बंद करेंगे और कोई प्रशासनिक कार्य नहीं होगा। एचएयू छात्र बोले- लिखित आदेशों का इंतजार एचएयू के छात्रों को सरकार की ओर से लिखित आदेशों का इंतजार है। छात्र कमेटी के अनुसार, सिर्फ मौसम वैज्ञानिक डा. एमएल खिचड़ को डीएसडब्लयूओ से पद मुक्त किया है। जब शिक्षा मंत्री ने उनको आश्वासन दिया था तो सभी सहमत हो गए थे और खुशी मना रहे थे। वीसी को छह माह के लिए लंबी छुट्टी पर भेज दिया जाएगा। मगर उसमें से कुछ मांगें नहीं मानी और न ही वीसी को हटाकर भेजा गया। अन्य संगठनों ने जिला प्रशासन के खिलाफ कड़ी निंदा की और वीसी पर एचएयू को ठेके पर लेने का आरोप लगाया। एसडीएम का यह कहना था कि आप मांगें मान ली है, आप अपना धरना समाप्त कर ले। मगर जब तक लिखित आदेश ही नहीं आए। छात्र कमेटी ने मंच से किया था ऐलान छात्र संगठन के गुरमीत ने कहा कि बुधवार सुबह से ही शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा व छात्र कमेटी के बीच बातचीत चल रही थी, जिसके बाद यह फैसला हुआ। इसका छात्र कमेटी मंच से ऐलान कर दिया था और प्रैसवार्ता में सहमति होने के बारे में बताया गया। ये है पूरे विवाद की जड़ छात्र स्कॉलरशिप की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। रजिस्ट्रार की मौजूदगी में प्रोफेसर और सिक्योरिटी गार्ड द्वारा लाठीचार्ज के विरोध में आंदोलन शुरू हुआ। छात्रों की मांग है कि कुलपति को हटाया जाए और आरोपियों को निलंबित कर कार्रवाई की जाए। हालांकि, प्रोफेसर और सिक्योरिटी गार्ड को हटा दिया गया है और सरकारी कमेटी ने छात्रों से बात भी की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
हिसार यूनिवर्सिटी छात्रों का सहमति बाद मामला पलटा:लिखित आदेश न मिलने पर छात्रों ने बुलाई मीटिंग, फिर 27 को एचएयू बंद का ऐलान
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