हेडिंग्ले के लीड्स में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के बीच एक बेहद दुखद खबर आई, जिससे टीम इंडिया और उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज दिलीप दोशी का लंदन में निधन हो गया है. 77 साल के दिलीप दोशी पिछले कई वर्षों से अपने परिवार के साथ वहीं रह रहे थे. सोमवार को हृदय संबंधी समस्या के चलते उनका देहांत हो गया.
दिलीप दोशी को भारतीय क्रिकेट के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में गिना जाता है जिन्होंने काफी देर से डेब्यू करने के बावजूद गहरी छाप छोड़ी थी. उन्होंने 32 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और उसके बाद अपनी शानदार गेदंबाजी के दम पर आगे बढ़ते रहे.
टेस्ट क्रिकेट में छोड़ी अपनी छाप
दिलीप दोशी ने अपने क्रिकेटिंग करियर में भारत के लिए कुल 33 टेस्ट मैच खेले थे. जिनमें उन्होंने 114 विकेट हासिल किए. वह बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स स्पिनर थे और अपनी सटीक लाइन-लेंथ से गेंदबाजी करने के लिए जाने जाते थे. उन्होंने 6 बार पारी में पांच या उससे ज्यादा विकेट लेने का अद्भूत कारनामा भी किया है.
वनडे क्रिकेट में भी गेदंबाजी से उन्होंने योगदान दिया है. उन्होंने भारत के लिए 15 वनडे मैच खेले है. जिनमें उन्होंने 22 विकेट अपने नाम किए है. उनकी इकोनॉमी रेट 3.96 रही, जो उस दौर के हिसाब से बेहद प्रभावशाली थी.
घरेलू और काउंटी क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन
दिलीप दोशी ने सिर्फ भारतीय घरेलू क्रिकेट ही नहीं, बल्कि इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में भी खास पहचान बनाई थी. उन्होंने सौराष्ट्र, बंगाल, वारविकशायर और नॉटिंघमशायर जैसे बड़े घरेलू और काउंटी क्लबों के लिए खेला था.
नॉटिंघमशायर में खेलने के दौरान वह वेस्टइंडीज के दिग्गज ऑलराउंडर गैरी सोबर्स से काफी प्रभावित हुए थे और उनसे मिलने के बाद खुद को लगातार निखारते रहे. मैदान पर अक्सर चश्मा पहनकर गेंदबाजी करने वाले दोशी अपने शांत स्वभाव और रणनीतिक सोच के लिए जाने जाते थे.
मेलबर्न टेस्ट में दिलाई ऐतिहासिक जीत
दिलीप दोशी की क्रिकेटिंग करियर का सबसे यादगार प्रदर्शन में से एक रहा 1981 का मेलबर्न टेस्ट, जिसमें उन्होंने 5 विकेट चटकाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी.
वह भारतीय क्रिकेट की उस पीढ़ी से थे जिसने 1970 के दशक की स्पिन चौकड़ी के बाद टीम की स्पिन गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभाली.
‘थिंकिंग क्रिकेटर’ की पहचान, लिखी चुके हैं किताब
दिलीप दोशी को सिर्फ गेंदबाज ही नहीं बल्कि एक ‘थिंकिंग क्रिकेटर’ माना जाता था. उन्होंने ‘Spin Punch’ नामक एक किताब भी लिखी, जिसमें उन्होंने स्पिन गेंदबाजी की तकनीक और मानसिकता के पहलुओं को विस्तार से बताया है.
साल 2008 में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “स्पिन गेंदबाजी एक बुद्धिमत्ता की लड़ाई है.” उनकी यही सोच उन्हें दूसरे खिलाड़ियों से अलग बनाती थी. दिलीप दोशी अपने पीछे परिवार में पत्नी कालिंदी, बेटा नयन दोशी ,जो सरे और सौराष्ट्र के लिए खेल चुके हैं, और बेटी विशाखा को छोड़ गए हैं. उनके निधन पर कई पूर्व क्रिकेटरों और प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर शोक जताया है.
हेडिंग्ले टेस्ट के बीच लंदन से आई बुरी खबर, इस पूर्व भारतीय क्रिकेटर के निधन
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