टीवी एक्ट्रेस हेली शाह ने हाल ही में करियर की शुरुआत में हुए एक कास्टिंग काउच जैसे एक अनुभव के बारे में बताया। फ्री प्रेस जर्नल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ये घटना उनके करियर के पहले दो-तीन साल में हुई थी। वह अपनी मां के साथ मुंबई के फिल्म सिटी में एक ऑडिशन देने गई थीं। हेली ने शो का नाम नहीं बताया, लेकिन कहा कि वह उस समय काफी पॉपुलर था। हेली ने कहा, हम ऑडिशन देने गए। उसके बाद वो लोग मेरी मां के सामने ही मुझसे इशारों में पैसे की बात करने लगे। ये पूरी तरह से कास्टिंग काउच नहीं था, लेकिन काफी अजीब और डराने वाला था। मैं इसे किसी से बताना भी नहीं चाहती थी। हेली ने आगे कहा, अगर वो सीधा बोलते कि एजेंसी फीस के तौर पर 10 प्रतिशत लेंगे, तो हम दे देते, लेकिन उन्होंने जिस तरह से बात की, और जैसी हरकतें कीं, वो बहुत ही अजीब थी। वो आदमी खुद भी डाउटफुल लग रहा था। शायद मेरी मां साथ थीं, इसलिए उसने लिमिट में रहकर बात की। लेकिन अगर मैं अकेली होती, तो वो कुछ भी कर सकता था। मुझे नहीं पता। हम जैसे ही ऑफिस से बाहर निकले, मुझे बहुत डर लगने लगा। मैं कांप रही थी। तब इंडस्ट्री नई थी और समझ भी नहीं थी कि क्या हो रहा है। नेपोटिज्म पर हेली बोलीं – यह सिर्फ हमारी इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है इस इंटरव्यू में हेली शाह ने ये भी कहा कि रिजेक्शन और करियर में झटके का असर इमोशनल लेवल पर होता है। काम छिनने को लेकर हेली शाह ने कहा, बुरा लगता है, क्योंकि अंदर से पता होता है कि आप भी वही कर सकते हो जो दूसरा कर रहा है और पा रहा है। हेली ने कहा कि नेपोटिज्म हर इंडस्ट्री में है, लेकिन हमारी इंडस्ट्री ओपन है, इसलिए बात ज्यादा होती है। एक आर्टिस्ट के तौर पर दुख तो होता ही है।
हेली शाह ने आगे कहा, जैसे मौके दूसरों को मिलते हैं, वैसे हमें नहीं मिलते, लेकिन कर भी क्या सकते हैं? अगर कोई कहे कि तुम ये कर सकती हो, मैं करूंगी। मैं लोगों से मिल सकती हूं, ऑडिशन दे सकती हूं, लेकिन उससे आगे क्या करूं? मैं तो बस सोच सकती हूं और प्रार्थना कर सकती हूं।
हेली ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत 2010 में ‘जिंदगी का हर रंग…गुलाल’ से की थी। वह ‘इश्क में मरजावां 2’, ‘लाल इश्क’, ‘सुफियाना प्यार मेरा’, ‘दिया और बाती हम’, ‘स्वरागिनी’ जैसे शो में काम कर चुकी हैं।
हेली शाह ने कास्टिंग से जुड़ा बुरा अनुभव शेयर किया:एक्ट्रेस बोलीं- अगर मां साथ न होतीं, तो वो कुछ भी कर सकता था
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