होशियारपुर के दसूहा के गांव सगरा में हुए बस हादसे में 10 लोगों की जान चली गई। इस हादसे में गांव रोड़ी की 22 वर्षीय खुशी मेहता भी शामिल थी। खुशी अपनी छोटी बहन बबली के साथ शादी का लहंगा खरीदने दसूहा जा रही थी। खुशी के पिता हरीश कुमार मेहता मजदूरी करते हैं। उनके परिवार में 3 बेटियां और एक बेटा है। खुशी सबसे बड़ी संतान थी। घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वह बैंक में फॉर्म भरने की प्राइवेट जॉब करती थी। घर में शादी की तैयारियों का था माहौल हादसे के दिन खुशी और उसकी बहन बस में सवार हुई थीं। सगरा के पास बस की दुर्घटना हो गई। खुशी ने अपने पिता के सामने ही दम तोड़ दिया। घर में शादी की तैयारियों का माहौल था, जो अब मातम में बदल गया है। खुशी का छोटा भाई सदमे में है। सरकार से सरकारी नौकरी की मांग सरकार मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए की सहायता राशि दे रही है। हालांकि, परिवार ने कहा है कि उन्हें धन नहीं चाहिए। यदि सरकार मृतकों के परिवारों की मदद करना चाहती है तो मृतकों के परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दे ताकि भविष्य में उन्हें कभी कोई परेशानी ना हो सके। दो किलोमीटर पहले बस में बैठी थी खुशी घर से निकली खुशी का 10 वे महीने विवाह रखा गया था। घर की स्थिति खराब होने के कारण वह एक निजी बैंक में कार्य पर लग गई। ताकि पिता का सहयोग कर सके। खुशी अपनी बहन को लेकर दसूहा में शादी में पहने के लिए लहंगा मेहंदी सहित अन्य सामन लेने के लिए जा से निकली। तीन मिनट का तय किया था सफर
घटना स्थल के दो किलोमीटर पीछे अड्डा घोघरा से इसी बस में चढ़ गई। सीट न मिलने के कारण दोनों बहने बस में खड़ी रही महज तीन मिनट का सफर तय करने के बाद भूस हादसे का शिकार हो गई। जा पहले जख्मी हालत में उसे दसूहा ले जाया गया जहां से अमृतसर रेफर करते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।
होशियारपुर बस हादसे में युवती की मौत:शादी की खरीदारी के लिए बहन संग निकली, दो किलोमीटर आगे हुआ एक्सीडेंट
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