भास्कर न्यूज| लुधियाना न्यू अंबेडकर नगर स्थित श्री जानकी मंदिर में चल रही शिवपुराण कथा में शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की महिमा का गहरा अनुभव किया। कथावाचक पंडित अवधेश पांडे ने इस अवसर पर 12 ज्योतिर्लिंगों की उत्पत्ति और महत्व की दिव्य कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के प्रकाश स्वरूप का प्रतीक हैं और ये धरती पर उनके 12 पवित्र निवास स्थान हैं। कथा में उन्होंने बताया कि ब्रह्मा और विष्णु के बीच सर्वोच्चता को लेकर विवाद होने पर भगवान शिव अग्निस्तंभ के रूप में प्रकट हुए। इस स्तंभ का न आदि था न अंत। दोनों देवताओं ने उसके छोर खोजने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। तब यह सिद्ध हुआ कि शिव ही सर्वोच्च हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं को बताया कि जहां-जहां वह प्रकाश स्तंभ धरती पर गिरा, वहां 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हुए। पंडित पांडे ने सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ, भीमाशंकर, काशी विश्वनाथ, त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम और घृष्णेश्वर का महत्व भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इनका स्मरण करने मात्र से सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। कथा के दौरान मंदिर परिसर शिवमय हो गया। हर हर महादेव के गगनभेदी जयघोष से वातावरण गूंज उठा। इस मौके पर मुनेंद्र नाथ राय, घनश्याम ठाकुर, मुन्नीलाल चौरसिया, रविंद्र चौरसिया, शशिकांत चतुर्वेदी, रमेश झा, दयाशंकर ठाकुर, पुरुषोत्तम, अश्विनी कुमार, रामधारी यादव, विनोद यादव, रवि प्रकाश, गोरखनाथ और राकेश कुमार समेत दर्जनों श्रद्धालु मौजूद रहे।
12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा सुन भक्त भावविभोर हुए
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