127 साल बाद भारत लौटीं भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां! ब्रिटिश काल में एक पत्थर के बक्से में मिली थीं

by Carbonmedia
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केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री और जोधपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने हमेशा की तरह इस सप्ताहांत भी अपने संसदीय क्षेत्र में जनसेवा को प्राथमिकता दी. शनिवार (2 अगस्त) को उन्होंने अपने निवास पर जनसुनवाई की, जहां बड़ी संख्या में आमजन अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे. इसके साथ ही वे काजरी में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी शामिल हुए.
जनसुनवाई के दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने एक ऐतिहासिक जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थियां, जो पिछले 127 सालों से भारत से बाहर थीं, अब फिर से भारत लौट आई हैं. 
कहां से भारत लौटीं बुद्ध की अस्थियां?
से अस्थियां थाईलैंड से भारत लाई गई है. ब्रिटिश काल में 1898 में खुदाई के दौरान ये अस्थियां एक पत्थर के बक्से में प्राप्त हुई थीं, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इस ऐतिहासिक धरोहर को भारत के बजाय श्याम (वर्तमान में थाईलैंड) के राजा और खुदाई करने वाले ब्रिटिश अधिकारी विलियम पेपे को सौंप दिया था. शेखावत ने कहा कि बुद्ध के परिनिर्वाण के बाद उनकी अस्थियों को 8 भागों में बांटा गया था, जिनमें से एक भाग शाक्य वंश के पास कपिलवस्तु (वर्तमान पीपरवा) में सुरक्षित रखा गया था.
अस्थियों की नीलामी की खबर के बाद भारत ने किया हस्तक्षेप- केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अप्रैल 2025 में यह जानकारी सामने आई कि ये पवित्र अस्थियां अमेरिका के एक नीलामी घर के माध्यम से बेची जाने वाली हैं. तब भारत सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप कर नीलामी रुकवाई और यह संदेश दिया कि भारत इस धरोहर को पुनः प्राप्त करना चाहता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप, अब यह अमूल्य धरोहर भारत वापस आ चुकी है.
मालेगांव केस पर विपक्ष पर हमला
शेखावत ने मालेगांव विस्फोट केस के हालिया निर्णय को लेकर कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि कैसे एक राजनीतिक साजिश के तहत झूठे केस बनाए गए थे ताकि देश में एक नकारात्मक माहौल पैदा किया जा सके. उन्होंने कहा, “सत्य को छिपाया जा सकता है, लेकिन मिटाया नहीं जा सकता. अब एक बार फिर सत्य की विजय हुई है.”
वैश्विक व्यापार पर भारत का पक्ष
अमेरिकी टैरिफ नीति को लेकर पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि भारत को गुणवत्ता में सुधार कर और प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर वैश्विक बाजार में बने रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था आज विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है, और यह स्थिति आने वाले समय में और मजबूत होगी.
कृषि व फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को राहत
यूके के साथ संभावित व्यापार समझौतों पर शेखावत ने कहा कि इससे भारतीय किसानों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बड़ा लाभ होगा. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था में नई संभावनाएं पैदा करेगा.

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