Haji Syed Salman Chishty On D Gukesh: नॉर्वे चेस 2025 टूर्नामेंट में भारत के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने इतिहास रच दिया है. 19 वर्षीय गुकेश ने क्लासिकल फॉर्मेट में पहली बार विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) को हराकर सबको चौंका दिया. इस जीत को लेकर अजमेर दरगाह के गद्दीनशीन हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
भारत को आप पर गर्व है- सैयद सलमान चिश्ती
उन्होंने डी गुकेश को बधाई दी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा, “ब्रावो, गुकेश डी! मात्र 19 वर्ष की आयु में आपने मैग्नस कार्लसन को क्लासिकल मुकाबले में हराकर चेस जगत को हैरान कर दिया है. यह आपके संयम, दृढ़ता और प्रतिभा की असली झलक है. भारत को आप पर गर्व है.” बता दें कि विश्व चैंपियन रहते हुए क्लासिकल फॉर्मेट में विश्व नंबर 1 को हराने का कारनामा इससे पहले आनंद, कार्पोव और क्रैमनिक जैसे दिग्गज भी नहीं कर सके थे.
🇮🇳 Bravo, Gukesh D! At just 19, you’ve stunned the chess world by defeating Magnus Carlsen in classical play at #NorwayChess2025. A true reflections of calmness to resilience and brilliance. India beams with pride! @DGukesh ♟️🔥 @NorwayChess @FIDE_chess #Gukesh #ChessChampion… pic.twitter.com/jSmE7eligu
— Haji Syed Salman Chishty (@sufimusafir) June 2, 2025
यह मुकाबला टूर्नामेंट के छठे राउंड में हुआ, जहां कार्लसन की एक छोटी सी चूक ने गुकेश को जीत का मौका दे दिया. गुकेश ने इस मौके को बखूबी भुनाया और जीत हासिल करते ही कुर्सी से उठकर दूसरी दिशा में चल पड़े, मानो उन्हें खुद यकीन नहीं हो रहा हो कि उन्होंने यह कर दिखाया है.
गुकेश के शांत व्यवहार की हो रही है सराहना
मैच के बाद गुकेश के खेलने के तरीके की भी खूब सराहना हो रही है. उन्होंने पूरे मैच में अपने शांत स्वभाव और धैर्य से सभी का ध्यान खींचा. उनकी शैली न सिर्फ भारत की परंपरागत सोच और अनुशासन को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि आज की युवा पीढ़ी कितनी तैयार और फोकस्ड है.
पहला राउंड हारने के बाद गुकेश ने की वापसी
बता दें कि 19 साल के गुकेश पहले राउंड में कार्लसन से हार गए थे. इस जीत के ठीक बाद कार्लसन ने तंज भरा एक पोस्ट किया. उस पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि ‘जब आप किंग के खिलाफ खेलते हैं तो चूकना नहीं चाहिए.’ शायद वह इस पोस्ट के जरिए बताना चाहते थे कि उन्हें हराना बहुत मुश्किल हैं, लेकिन डी गुकेश ने अपने शांत खेल से ऐसा जबाव दिया, जिसे कार्लसन झेल नहीं पाए और चेस के टेबल पर ही अपने झल्लाहट भरे गुस्से का परिचय दे दिया.