1971 की जंग में पाकिस्तान को हथियार दे रहा था अमेरिका, भारतीय सेना ने दिखाया डोनाल्ड ट्रंप को आईना

by Carbonmedia
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्र्ंप की टैरिफ धमकियों के बीच भारतीय सेना ने 1971 के एक पुराने अखबार की कटिंग शेयर की है. इस अखबार की कटिंग में बताया गया है कि कैसे अमेरिका दशकों से पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है. इसमें 1954 से पाकिस्तान को हथियार देने में अमेरिका की भूमिका के बारे में भी बताया गया है. सेना की पूर्वी कमान ने ट्रंप की धमकी के एक दिन बाद मंगलवार (5 अगस्त 2025) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है.
‘1954 से अब तक दो अरब डॉलर के हथियार पाकिस्तान भेजे गए’
यह समाचार 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध से कुछ महीने पहले प्रकाशित हुआ था. युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. इस खबर में उस समय से लेकर पिछले करीब दो दशकों तक पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराने में अमेरिका की भूमिका के बारे में बताया गया था. इसका शीर्षक था, “यूएस आर्म्स वर्थ डॉलर 2 बिलियन शिप्ड टू पाकिस्तान सिंस 54” यानी “1954 से अब तक दो अरब डॉलर मूल्य के अमेरिकी हथियार पाकिस्तान भेजे गए हैं.”
खबर में तत्कालीन रक्षा उत्पादन मंत्री वीसी. शुक्ला का हवाला दिया गया है, जिन्होंने उस अवधि के दौरान आपूर्ति किये गये हथियारों के अनुमानित मूल्य के बारे में राज्यसभा को बताया था.
‘अमेरिका-चीन ने PAK को बहुत कम कीमत पर हथियार बेचे’
उन्होंने बताया था कि बांग्लादेश में पाक आर्मी के हमले के बाद पाकिस्तान ने हथियारों की आपूर्ति के लिए नाटो और सोवियत संघ से संपर्क किया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि सोवियत संघ और फ्रांस की सरकार ने पाकिस्तान को हथियार आपूर्ति करने से इनकार कर दिया था, लेकिन अमेरिका ने अपना समर्थन जारी रखा.
इसमें कहा गया है कि अमेरिका और चीन दोनों ने पाकिस्तान को बहुत कम कीमत पर हथियार बेचे, जिससे संकेत मिलता है कि पाकिस्तान ने संभवतः 1971 में भारत के साथ युद्ध दोनों देशों की ओर से उपलब्ध कराए गए हथियारों से लड़ा था. सोशल मीडिया पर यह पोस्ट नई दिल्ली की ओर से रूस से कच्चा तेल खरीदने पर वाशिंगटन की बढ़ती आलोचना के बीच आया है.
भारत ने दिया ट्रंप का जवाब
भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद के लिए नई दिल्ली को अनुचित और अविवेकपूर्ण तरीके से निशाना बनाने को लेकर सोमवार को अमेरिका और यूरोपीय संघ पर जोरदार पलटवार किया था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारत पर और टैरिफ बढ़ाने की धमकी देने के कुछ ही घंटे बाद विदेश मंत्रालय ने मॉस्को के साथ नई दिल्ली के ऊर्जा संबंधों की आलोचना को खारिज करते हुए एक बयान जारी किया.

#IndianArmy#EasternCommand#VijayVarsh #LiberationOfBangladesh #MediaHighlights “This Day That Year” Build Up of War – 05 Aug 1971 #KnowFacts. “𝑼.𝑺 𝑨𝑹𝑴𝑺 𝑾𝑶𝑹𝑻𝑯 $2 𝑩𝑰𝑳𝑳𝑰𝑶𝑵 𝑺𝑯𝑰𝑷𝑷𝑬𝑫 𝑻𝑶 𝑷𝑨𝑲𝑰𝑺𝑻𝑨𝑵 𝑺𝑰𝑵𝑪𝑬 ’54″@adgpi@SpokespersonMoD… pic.twitter.com/wO9jiLlLQf
— EasternCommand_IA (@easterncomd) August 5, 2025

‘पश्चिमी देश खुद कर रहे रूस के साथ व्यापार’
अमेरिकी बयान को खारिज करते हुए भारत ने कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों ही रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंध जारी रखे हुए हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में न केवल ऊर्जा, बल्कि उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा, इस्पात और मशीनरी, परिवहन उपकरण भी शामिल हैं. जहां तक अमेरिका का सवाल है, वह अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड, अपने ईवी उद्योग के लिए पैलेडियम, उर्वरक और रसायनों का आयात जारी रखे हुए है.’’
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