20 डिग्री से कम नहीं कर पाएंगे AC का टेंपरेचर! कानून बनाने पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री का बड़ा बयान

by Carbonmedia
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Union Minister Bhupendra Yadav in India Climate Summit: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार (27 जून) को कहा कि एयर कंडीशनर (AC) के तापमान को 20 से 28 डिग्री सेल्सियस के दायरे में करने की योजना को जल्द लागू करने की संभावना नहीं है और इसे समय के साथ धीरे-धीरे लागू किया जाएगा.
भारत जलवायु शिखर सम्मेलन (India Climate Summit/ICS) 2025 में जब उनसे पूछा गया कि AC के तापमान की नई सीमा कब लागू की जाएगी, तो यादव ने कहा कि ऐसी कोई भी स्थिति 2050 के बाद ही उत्पन्न हो सकती है. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि यह तुरंत होगा, समय के साथ इसके लिए धीरे-धीरे क्षमताएं बनाई जाएंगी.”
पर्यावरण में अधिक उत्सर्जन के लिए विकसित देश अधिक जिम्मेदार- भूपेंद्र यादव
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करना राष्ट्रीय परिस्थितियों और CBDR-RC (साझा लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियां और संबंधित क्षमताएं) सिद्धांत के अनुरूप किया जाना चाहिए.” उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र जलवायु निकाय को प्रस्तुत भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) या राष्ट्रीय जलवायु योजना, अपने लोगों तक ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करने पर जोर देती है.”
CBDR-RC के सिद्धांत का अर्थ है कि सभी देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ना होगा, लेकिन विकसित देशों को और अधिक प्रयास करना चाहिए, क्योंकि ऐतिहासिक रूप से उत्सर्जन के लिए वे अधिक जिम्मेदार हैं और उनके पास अधिक संसाधन हैं.
भारत में एसी 20 से 28 डिग्री के बीच काम करेंगे, इसे किया जाएगा अनिवार्य- मनोहर लाल
इसी महीने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि भारत में एयर कंडीशनर जल्द ही 20 डिग्री सेल्सियस से 28 डिग्री सेल्सियस की सीमा के भीतर काम करेंगे और इसे अनिवार्य बनाया जाएगा. उन्होंने कहा था कि इस सीमा से कम या अधिक तापमान पर काम करना प्रतिबंधित होगा.
BEE ने एसी को 24 से 25 डिग्री पर निर्धारित करने की दी सलाह
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के अनुसार, भारत में ज्यादातर AC वर्तमान में 20 से 21 डिग्री सेल्सियस के बीच निर्धारित किए जाते हैं, हालांकि आदर्श आरामदायक सीमा 24 से 25 डिग्री सेल्सियस है.
BEE ने आराम और ऊर्जा उपयोग के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनर को 24 से 25 डिग्री सेल्सियस पर निर्धारित करने की सलाह दी है. इसमें कहा गया है कि तापमान को बहुत कम, लगभग 20 से 21 डिग्री सेल्सियस पर रखने से बिजली की बर्बादी होती है.
एसी का एक डिग्री तापमान बढ़ाने से छह प्रतिशत बिजली की हो सकती है बचत
एजेंसी का यह भी कहना है कि एसी का तापमान सिर्फ एक डिग्री बढ़ाने से करीब छह प्रतिशत बिजली की बचत हो सकती है. इसे 20 डिग्री सेल्सियस से बढ़ाकर 24 डिग्री सेल्सियस करने से 24 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत हो सकती है.
IECC ने UC में किया नया अध्ययन
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया (UC) बर्कले में इंडिया एनर्जी एंड क्लाइमेट सेंटर (IECC) की ओर से हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में हर साल एक से 1.5 करोड़ नए एसी लगाए जाते हैं और अगले दशक में 13 से 15 करोड़ एसी बढ़ने की उम्मीद है. नीतिगत हस्तक्षेप के बिना, एसी अकेले 2030 तक 120 गीगावाट और 2035 तक 180 गीगावाट बिजली की अधिकतम मांग को बढ़ा सकते हैं, जो अनुमानित कुल मांग का लगभग 30 प्रतिशत है.
अध्ययन में कहा गया है कि सबसे तेजी से विकसित हो रही प्रमुख अर्थव्यवस्था अगले 10 सालों में कमरे के एसी की ऊर्जा दक्षता को दोगुना करके गंभीर बिजली की कमी से बच सकती है और उपभोक्ताओं को 2.2 लाख करोड़ रुपये (26 अरब डॉलर) तक की बचत करा सकती है.
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