पंजाब सरकार के वित्त विभाग ने 20 ऐसी फर्मों को पकड़ा है, जो कि करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी कर रही थीं। ठगी करने वाले फर्मों के असल प्रबंधकों तक कोई न पहुंच पाए, इसके लिए उन्होंने शातिर तरीके से आम मजदूर या बेरोजगार लोगों को शिकार बनाया। ऐसे लोगों को 800 रुपए तक प्रति दिन की दिहाड़ी का लालच दिया। पेमेंट उनके खाते में डालने की बात कहकर उनके पैन और आधार कार्ड समेत सारे दस्तावेज लिए। इसके बाद उन्हीं आधार कार्ड और पैन को लेकर जीएसटी में रजिस्टर्ड किया। फर्म के खाता पहले से ही खुला हुआ था। इस तरह 866 करोड़ का फ्रॉड पकड़ा गया है, जिसमें टैक्सी का 157.22 करोड़ शामिल था। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने बताया कि इस मामले में काफी सारे सबूत जुटाए गए हैं, जिनमें 40 लाख की करेंसी, फर्जी बिल बुक और बिना साइन चेक बुक शामिल हैं। इस संबंध में लुधियाना में केस दर्ज हुआ है। सरबजीत सिंह इसमें मुख्य आरोपी है, जिसे पकड़ने की कार्रवाई चल रही है। लुधियाना के अकाउंटेंट की मुख्य भूमिका इस घोटाले में लुधियाना के अकाउंटेंट की भूमिका सामने आई है। उसने 2023 में यह धंधा शुरू किया था और 157.22 करोड़ का टैक्स क्रेडिट किया था। टैक्सेशन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने साल 2023-24 में जाली बिल तैयार करके 249 करोड़ का लेनदेन दिखाकर 45.12 करोड़ और 2024-25 में 569.54 करोड़ दिखाकर 104.08 करोड़ रुपए के आईटीसी का दावा किया था। इस साल के पहले दो महीनों में 47.25 करोड़ का लेन-देन दिखाकर 8.01 करोड़ रुपए आईटीसी का दावा किया था। इसके अलावा अन्य लोग भी नजर है। ट्रांसपोर्ट कंपनी भी दर्ज किया केस
ट्रांसपोर्टर मां दुर्गा रोड लाइनस नाम की कंपनी ने भी 168 रुपए के जाली ईवे बिल बनाकर धोखाधड़ी की है। यह ईवे बिल लुधियाना आधारित फर्मों के प्रमाण पत्रों का प्रयोग करके की गई। जो लुधियाना से दिल्ली तक सामान की आवाजाही को दिखाते थे। जबकि असल में कोई वाहन पंजाब में दाखिल नहीं हुआ था।
20 बोगस फर्म बनाकर 157 करोड़ का जीएसटी स्कैम किया:800 रुपए दिहाड़ी का लाचल देकर लोग ठगे, लुधियाना का है मास्टर माइंड
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