20 साल पहले बैंक से किया था 8 करोड़ का फ्रॉड, CBI ने इंदौर से किया गिरफ्तार; जानें कैसे हुई पहचान?

by Carbonmedia
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CBI ने करीब 20 साल से फरार चल रही एक महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है. ये महिला 8 करोड़ के बैंक फ्रॉड केस में वांटेड थी और सालों से पहचान छिपाकर मध्य प्रदेश के इंदौर में छिपकर रह रही थी. CBI ने इमेज सर्च टूल्स की मदद से उसकी लोकेशन का पता लगाया और उसे गिरफ्तार किया.
CBI ने ये केस एक अगस्त, 2006 को दर्ज किया था. इसमें महिला का पति आर. एम. शेखर और मणि एम. शेखर नाम की महिला को आरोपी बनाया गया था. ये दोनों इंडो मार्क्स प्राइवेट लिमिटेड (Indo Marks Pvt. Ltd.) और बीटीसी होम प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (BTC Home Products Pvt. Ltd.) नाम की कंपनियों के डायरेक्टर थे. इन पर आरोप है कि इन्होंने 2002 से 2005 के बीच बेंगलुरु के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ओवरसीज ब्रांच के साथ मिलकर धोखाधड़ी की और 8 करोड़ की चपत लगाई. इन्होंने बैंक से मिले नॉन-फंड आधारित लिमिट्स का गलत इस्तेमाल किया.
सीबीआई ने आरोपियों पर रखा था इनाम
CBI ने इस मामले में 10 दिसंबर, 2007 को चार्जशीट फाइल की थी. लेकिन दोनों आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए और फरार हो गए. इसके बाद कोर्ट ने 27 फरवरी, 2009 को इन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया. सीबीआई ने इन्हें पकड़ने के लिए 50,000 का इनाम भी घोषित किया था. लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला.
आरोपियों ने बदल दी थी अपनी पहचान, CBI ने तकनीक के माध्यम से ढूंढा
सीबीआई की जांच में पता चला कि ये दोनों आरोपी नई पहचान के साथ जिंदगी बिता रहे थे. इन्होंने अपने नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल, पैन कार्ड और दूसरी सभी जानकारी पूरी तरह बदल दी थी. पति ने अपना नाम बदलकर कृष्ण कुमार गुप्ता रखा और पत्नी ने गीता कृष्णा कुमार गुप्ता नाम रखा था.
CBI ने अपने एडवांस इमेज सर्च और फोटो मैचिंग टूल्स की मदद से दोनों की पुरानी और नई तस्वीरों का मिलान किया. 90 प्रतिशत से ज्यादा मैचिंग मिलने पर सीबीआई की टीम ने इंदौर में फील्ड वेरिफिकेशन किया और आखिरकार महिला को पकड़ लिया.
आरोपी पति की पहले ही हो चुकी है मौत
हालांकि, जांच में ये भी सामने आया कि पति आर. एम. शेखर की साल 2008 में ही मौत हो चुकी है. जब वो पहचान बदलकर जी रहा था. सीबीआई ने आरोपी मणि एम. शेखर को 12 जुलाई, 2025 को गिरफ्तार किया और बेंगलुरु कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. अब करीब 20 साल बाद इस केस में ट्रायल शुरू होगा.
यह भी पढ़ेंः Land For Job Case: लालू यादव ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की याचिका, मुकदमा और चार्जशीट रद्द करने की मांग

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