जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने नई भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 का हवाला देते हुए 25 किताबों को बैन कर दिया है. किताबों को प्रतिबंधित किए जाने की पीडीपी और हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने आलोचना की है.
मीरवाइज ने कहा, ”विद्वानों और प्रतिष्ठित इतिहासकारों द्वारा लिखी गई पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाने से न तो ऐतिहासिक तथ्यों को मिटाया जा सकता है और न ही कश्मीर के लोगों की जीयी हुई स्मृतियों को.”
उन्होंने कहा, ”यह कदम केवल उन लोगों की असुरक्षा की भावना और सीमित सोच को उजागर करता है जो ऐसे तानाशाही निर्णयों के पीछे हैं. यह विडंबना ही है कि एक ओर सरकार साहित्यिक प्रतिबद्धता दिखाने के लिए पुस्तक महोत्सव का आयोजन कर रही है और दूसरी ओर पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाकर उसी प्रतिबद्धता को अस्वीकृत कर रही है.”
पीडीपी ने क्या कहा?
वहीं पीडीपी नेता नईम अख्तर ने भी लेखकों की किताबों पर प्रतिबंध लगाने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा, “प्रतिबंधित किताबों में एजी नूरानी, अनुराधा भसीन, डेविड देवदास, अरुंधति रॉय की किताबें भी शामिल हैं.”
किताबों को बैन करने पर क्या दलीलें दी गई?
प्रशासन का कहना है कि ये किताबें अलगाववाद, कट्टरपंथ और आतंकवाद के महिमामंडन करती है. यह कार्रवाई वैधानिक आदेश संख्या 203 के माध्यम से की गई है, जिसमें BNS की धारा 98 का हवाला दिया गया है. यह धारा सरकार को उन प्रकाशनों को जब्त करने की अनुमति देती है जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक माने जाते हैं.
आदेश में कहा गया है कि विश्वसनीय जांच और खुफिया सूचनाओं से पता चला है कि कुछ साहित्य का व्यवस्थित प्रसार जम्मू-कश्मीर में युवाओं के कट्टरपंथ और हिंसा में शामिल होने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण रहा है.
जिन लेखकों की पुस्तकों पर प्रतिबंध लगाया गया है और उन्हें जब्त करने का आदेश दिया गया है, उनमें अरुंधति रॉय, ए जी नूरानी, पत्रकार अनुराधा भसीन और डेविड देवदास के अलावा कई विदेशी लेखक भी शामिल हैं.
नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रतिबंधित किताबों ने ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया, आतंकवाद को महिमामंडित किया, सुरक्षा बलों को बदनाम किया, और धार्मिक कट्टरता व अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा दिया.
आदेश में यह भी कहा गया है कि यह सामग्री असंतोष, पीड़ित मानसिकता और आतंकवादियों को नायक के रूप में प्रस्तुत करने की संस्कृति को जन्म देती है, जिसका युवाओं की सोच पर गहरा असर पड़ता है.
कश्मीर में कौन सी 25 किताबों को किया गया बैन?
1. कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन (Human Rights Violations in Kashmir) लेखक: पिओत्र बाल्सेरोविच और अग्निएश्का कुशेव्स्का प्रकाशक: रूटलेज / मनोहर
2. कश्मीरी की स्वतंत्रता की लड़ाई (Kashmiri’s Fight for Freedom) लेखक: मोहम्मद यूसुफ सराफ प्रकाशक: फिरोज संस, पाकिस्तान
3. कश्मीर का उपनिवेशीकरण (Colonizing Kashmir) लेखक: हाफसा कंजवाल 4. कश्मीर की राजनीति और जनमत संग्रह (Kashmir Politics and Plebiscite) लेखक: डॉ. अब्दुल जब्बार प्रकाशक: गुलशन बुक्स, कश्मीर
5. क्या तुम्हें कुंनन पोषपोरा याद है? (Do You Remember Kunan Poshpora?) लेखक: एसर बटूल व अन्य प्रकाशक: जुबान बुक्स
6. मुजाहिद की अज़ान (Mujahid ki Azaan) संपादक: मौलाना मोहम्मद इनायतुल्लाह सुब्हानी प्रकाशक: मरकज़ी मकतबा इस्लामी पब्लिशर्स, दिल्ली
7. अल जिहाद फिल इस्लाम (Al Jihadul fil Islam) लेखक: मौलाना मौदूदी प्रकाशक: दारुल मुसन्निफीन, दिल्ली
8. स्वतंत्र कश्मीर (Independent Kashmir) लेखक: क्रिस्टोफ़र स्नेडन प्रकाशक: मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी प्रेस / सैंक्टम बुक्स, दिल्ली
9. कश्मीर में क़ब्ज़े का प्रतिरोध (Resisting Occupation in Kashmir) लेखक: हेले दुशिंस्की, अतर ज़िया, मोना भान, सिंथिया महमूद प्रकाशक: यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया प्रेस
10. लोकतंत्र और राष्ट्र के बीच: कश्मीर में लैंगिकता और सैन्यीकरण (Between Democracy and Nation: Gender and Militarization in Kashmir) लेखक: सीमा काज़ी प्रकाशक: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस
11. विवादित ज़मीनें (Contested Lands) लेखक: सुमंत्र बोस 12. भविष्य की तलाश में: कश्मीर की कहानी (In Search of a Future: The Story of Kashmir) लेखक: डेविड देवदास
13. कश्मीर में संघर्ष (Kashmir in Conflict) लेखक: विक्टोरिया स्कोफील्ड 14. कश्मीर विवाद (1947–2012) (The Kashmir Dispute (1947–2012)) लेखक: ए. जी. नूरानी 15. चौराहे पर कश्मीर (Kashmir at the Crossroads) लेखक: सुमंत्र बोस
16. विखंडित राज्य (A Dismantled State) लेखक: अनुराधा भसीन प्रकाशक: हार्पर कॉलिन्स इंडिया
17. गायब होने का प्रतिरोध (Resisting Disappearance) लेखक: अतर ज़िया प्रकाशक: जुबान बुक्स
18. आतंकवाद से सामना (Confronting Terrorism) संपादक: मारूफ़ रज़ा और स्टीफन कोहेन प्रकाशक: पेंगुइन इंडिया
19. कैद में आज़ादी (Freedom in Captivity) लेखक: राधिका गुप्ता प्रकाशक: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस
20. कश्मीर: आज़ादी का पक्ष (Kashmir: The Case for Freedom) लेखक: तारिक अली, हिलाल भट, अंगना पी. चटर्जी, पंकज मिश्रा, अरुंधति रॉय प्रकाशक: वर्सो बुक्स
21. आज़ादी (Azadi) लेखक: अरुंधति रॉय प्रकाशक: पेंगुइन इंडिया
22. अमेरिका और कश्मीर (USA and Kashmir) लेखक: डॉ. शमशाद शान प्रकाशक: गुलशन बुक्स
23. कश्मीर में क़ानून और संघर्ष समाधान (Law & Conflict Resolution in Kashmir) लेखक: पिओत्र बाल्सेरोविच और अग्निएश्का कुशेव्स्का प्रकाशक: रूटलेज / मनोहर
24. तारीख़-ए-सियासत कश्मीर (Tarikh-i-Siyasat Kashmir) लेखक: डॉ. आफ़ाक़ प्रकाशक: कारवां-ए-तहक़ीक़-ओ-सकाफ़त, कश्मीर
25. कश्मीर और दक्षिण एशिया का भविष्य (Kashmir & the Future of South Asia) संपादक: सुगता बोस और आयशा जलाल प्रकाशक: रूटलेज / मनोहर
25 किताबों को बैन किए जाने पर मीरवाइज फारूक भड़के, ‘तथ्यों को न मिटाया जा सकता है और न…’
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