भास्कर न्यूज| अमृतसर भगतांवाला डंप में आग पर काबू पाने के लिए निगम की तरफ से पुख्ता प्रबंध किए जाने के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। मंगलवार को डंप में सुबह करीब 8:15 बजे अचानक ही आग लग गई। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड गिलवाली गेट की गाड़ी मौके पर पहुंच गई। इसके बाद दूसरे फायर स्टेशनों की गाड़ियां भी आग पर काबू पाने पहुंचती रहीं। दोपहर बाद टीमें आग पर काबू पाकर वापस लौट गईं। लेकिन अंदर से धुंआ सुलगता रहा। जिस कारण दोबारा से आग लग गई। शाम पौने 6 बजे फिर से फायर ब्रिगेड की टीमें आग पर कंट्रोल पाने में जुटीं। लेकिन देर रात 11 बजे तक आग धधकती रही। डंप में आग पर काबू पाने के लिए जो ट्यूबवेल लगवाया था उसकी पाईप टूटी होने के कारण टीम को मुश्किलें आती रही। बता दें कि डंप में एक साल पहले 10 मई 2024 को भीषण आग लगी थी। तब निगम अफसरों ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए अवर्डा पर ठीकरा फोड़ा था। लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने खबरों से स्वत: संज्ञान लेते हुए निगम कमिश्नर को नोटिस भेजा था। जिसके बाद तत्कालीन कमिश्नर ने बीते साल 23 अगस्त 2024 में एडवोकेट को पॉवर अटॉर्नी दी थी। तबसे केस चल रहा है। एनजीटी को एफिडेविट देकर 4 फेज में भगतांवाला डंप से कूड़ा हटाए जाने का दावा भी फेल साबित हुआ है। दरअसल, एनजीटी को दिए एफिडेविट में लिखा गया कि फेज वन में 31 मई तक 4 लाख टन तो फेस-2 में 30 सितंबर -2025 तक 4 लाख और फेस-3 में 4 लाख टन कूड़ा 15 दिसंबर 2025 तक हटा लिया जाएगा। जबकि फेस-4 में 31 मई 2026 तक 1.35 लाख टन कूड़ा हटाने का दावा किया गया। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका।
30 गाड़ियों का पानी यूज, डंप लगवाए ट्यूबवेल की पाइप टूटी, अंधेरा होने से टीम को आई मुश्किलें
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