50-50 हजार के 2 इनामी तस्कर चंदौली से गिरफ्तार, गौ तस्करी मामले में कई राज्यों से जुड़े हैं तार

by Carbonmedia
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को एक और बड़ी सफलता मिली है. गैंगस्टर एक्ट में वांछित और 50-50 हजार रुपये के इनामी दो तस्करों को एसटीएफ ने चंदौली से गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे और गोवंशीय पशुओं की अंतरराज्यीय तस्करी में शामिल रहे हैं.
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में पहला नाम है खुर्शीद अहमद जो जनपद अमरोहा के आदमपुर थाना क्षेत्र के ढबारसी गांव का रहने वाला है. दूसरा अभियुक्त नूर हसन है जो अमरोहा के ही सैदनगली थाना क्षेत्र के ढक्का गांव का निवासी है.  इन दोनों को 28 जून 2025 की रात करीब 11 बजे चंदौली जिले के सैय्यदराजा थाना क्षेत्र के जेठमल तिराहे से दबोचा गया.
एसटीएफ को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि ये दोनों वांछित तस्कर चंदौली क्षेत्र में सक्रिय है. इसी के तहत एसटीएफ ने उप्र पुलिस अधीक्षक लाल प्रताप सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की और सूचनाएं जुटानी शुरू की. टीम में इंस्पेक्टर आदित्य कुमार सिंह और उनकी सहयोगी टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों को धर-दबोचा.
कई राज्यों से जुडे़ हैं अपराधियों के तारपकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से गोवंश चुराकर असम और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में तस्करी करता था. दोनों पहले भी दिल्ली, यूपी, हरियाणा और असम में गिरफ्तार हो चुके हैं.  फरवरी 2023 में सैय्यदराजा थाना पुलिस ने उन्हें गो-तस्करी के एक मामले में पकड़ा था जिसके बाद गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ. तभी से ये दोनों फरार चल रहे थे और दिल्ली हरियाणा और अहमदाबाद में छिपकर रह रहे थे.
दोनों पर दर्ज हैं कई मामलेबताया गया कि, आरोपी खुर्शीद अहमद पर हापुड़, अमरोहा और चंदौली में गोवध निवारण और गैंगस्टर एक्ट के कई मामले दर्ज हैं. वहीं नूर हसन पर गुवाहाटी और कोकराझार (असम) में पशु क्रूरता, लूट, धोखाधड़ी और पुलिस पर हमले जैसे गंभीर आरोपों में केस दर्ज हैं. गिरफ्तारी के बाद दोनों को सैय्यदराजा थाना लाकर केस संख्या 32/2024, धारा 3(1) यूपी गैंगस्टर एक्ट में दाखिल किया गया है. आगे की कानूनी कार्रवाई स्थानीय पुलिस कर रही है.
गोवध और गोवंशीय पशुओं की तस्करी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं.  यूपी गोवध निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर कठोर सजा का प्रावधान है. इसके बावजूद कई संगठित गिरोह अब भी गोवंश की अवैध तस्करी में लिप्त हैं. ऐसे में एसटीएफ और पुलिस की कार्रवाई सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा मानी जा रही है.
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