6 दिन से अपार्टमेंट में फंसे थे बुजुर्ग दंपति, बेटे की शिकायत पर सेना के जवानों ने पहुंचाया राशन

by Carbonmedia
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UP News: राजधानी लखनऊ में एक अपार्टमेंट की लिफ्टें खराब होने से 15वीं मंजिल पर फंसे एक बुजुर्ग दंपती की मदद के लिए सेना के जवानों को आना पड़ा. सुल्तानपुर रोड पर पार्थ इंफ्रा अपार्टमेंट में रहने वाले 77 वर्षीय उमाशंकर श्रीवास्तव और उनकी 75 वर्षीय पत्नी रेखा श्रीवास्तव बीते छह दिन से अपने फ्लैट में फंसे हुए थे. इस दौरान उनका राशन तक खत्म हो गया. बेटे मेजर शिवम श्रीवास्तव ने जब यह बात सीएम पोर्टल पर दर्ज कराई तो मामला सेना तक पहुंचा और फिर जवानों ने उनकी मदद की.


जानकारी के मुताबिक, मेजर शिवम श्रीवास्तव कश्मीर के अनंतनाग में तैनात हैं. उन्होंने बुधवार को सीएम पोर्टल पर अपार्टमेंट की लिफ्ट खराब होने की शिकायत दर्ज की. गुरुवार को सेना के जवानों की एक टीम लखनऊ पहुंची. लिफ्टें खराब होने के कारण जवानों ने 15वीं मंजिल तक 270 सीढ़ियां चढ़ीं. जवान उमाशंकर श्रीवास्तव और उनकी पत्नी के पास पहुंचे और उनको राशन और जरूरी सामान दिया. थोड़ी देर बाद मेंटेनेंस कर्मचारी भी पहुंचे और शाम तक लिफ्ट ठीक हो सकी.


उमाशंकर श्रीवास्तव भी सेना के रिटायर जवान हैं, जबकि उनकी पत्नी रेखा रेलवे से रिटायर हैं. उन्होंने बताया कि लिफ्ट खराब होने के बाद उन्होंने मेंटेनेंस देखने वालों से कई बार शिकायत की, लेकिन कर्मचारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे. बुजुर्गों ने बताया कि जब उन्होंने कहा कि लिफ्ट जल्दी ठीक करवा दीजिए, तो कर्मचारियों ने उल्टा डांटते हुए कह दिया कि खुद ही पैसे इकट्ठे करके बनवा लो.


छह दिन से परेशान थे बुजुर्ग


छह दिन से उमाशंकर श्रीवास्तव और उनकी पत्नी 15वीं मंजिल पर ही फंसे हुए थे. घर में खाने-पीने का सामान भी धीरे-धीरे खत्म हो गया था. मेजर शिवम श्रीवास्तव ने बताया कि जब उन्हें माता-पिता की हालत पता चली तो उन्होंने तुरंत सीएम पोर्टल पर शिकायत की. सेना के जवानों की मदद से ही उनके माता-पिता को राहत मिल सकी.


अपार्टमेंट की लिफ्टें अक्सर होती है खराब


राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों में अपार्टमेंट की लिफ्टें अक्सर खराब होने की शिकायतें सामने आती रहती हैं. मेंटेनेंस का जिम्मा बिल्डर या मेंटेनेंस एजेंसी के पास होता है, लेकिन कई बार उनकी लापरवाही से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ये मामला बताता है कि अगर बुजुर्गों या जरूरतमंदों की मदद के लिए सेना जैसे संस्थानों को आगे आना पड़े, तो कहीं न कहीं सिस्टम की बड़ी खामी सामने आ रही है. बुजुर्ग दंपती ने सरकार और सेना का आभार जताया और कहा कि उम्मीद है आगे ऐसी दिक्कतें दोबारा नहीं आएंगी.

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