85 आउटसोर्स मुलाजिमों की 2 माह से 85 लाख सैलरी निगम ने लटकाई

by Carbonmedia
()

भास्कर न्यूज | अमृतसर निगम अफसरों की लापरवाही के कारण आउटसोर्स मुलाजिमों का वेतन 2 महीने से लटका हुआ है, जिसका ठीकरा अफसर प्राइवेट कंपनियों पर फोड़ रहे हैं। सफाई सेवकों का ही नहीं गुरुनगरी में आगजनी की घटनाओं पर जान जोखिम में डालकर लोगों को बचाने वाले 85 आउटसोर्स मुलाजिमों का 2 माह से 85 लाख रुपए वेतन लटका हुआ है। बता दें कि फायर ब्रिगेड आउटसोर्स मुलाजिमों को इमरजेंसी में 24 घंटे ड्यूटी ली जाती है। दीवाली पर तो सोते तक नहीं हैं। परिवार की फिकर किए बगैर निगम के लिए सेवाएं शहर में दे रहे हैं मगर दो वक्त की रोटी को मोहताज हो रहे हैं। अफसरों की तरफ से बता दिया जा रहा कि एसएस प्रोवाइडर का बीते 12 मार्च को ठेका खत्म हो चुका जिस कारण सैलरी लटकी हुई है। निगम के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो नई कंपनी ओरियन फैसिलिटीज एंड सिक्योरिटी सर्विसेज को जिम्मेदारी सौंप दी गई है तो ऐसे में अब एसएस प्रोवाइडर का इसमें क्या लेना-देना रह गया। जब सारे मुलाजिम नई कंपनी में 12 मार्च के बाद शिफ्ट हो चुके हैं तब से लेकर 71 दिन बीतने के बाद भी मुलाजिमों की सैलरी क्यों नहीं दी जा सकी। कहीं बिल पास होना बताया जा रहा तो कभी फिजिकल वेरिफिकेशन लेकिन ग्राउंड लेवल पर हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रहा है। वहीं कभी हाजिरी रिपोर्ट के लिए आदेश जारी किए जा रहे। दरअसल, फोर्थ इंप्लाइ को जो भी बता दिया जाता है, वह मान लेते हैं। इसी का फायदा जिम्मेदार अफसर अब तक उठाते आए हैं। इस बात का जवाब भी किसी अफसर के पास नहीं है कि सैलरी किस डेट तक आ जाएगी। जबकि कोई भी टेंडर बाकायदा एक शर्तों के तहत किया जाता है। फोर्थ इंप्लाइ कर्मियों के वेतन सबसे कम होते हैं, और इनके ही वेतन में कटौती-लटकाने जैसे खेल अंदरखाते चलते रहते हैं। बता दें कि सफाई कर्मियों को इन हैंड करीब 9300 तो फायर ब्रिगेड में 15 से 16 हजार रुपए प्रति माह वेतन मिल रहा है। इसी में हर माह अपना व परिवार का खर्च चलाना पड़ता है। ^जल्द ही सभी आउटसोर्स मुलाजिमों का वेतन क्लियर हो जाएगा। बिल पास किया जा चुका है। निगम अफसरों की तरफ से मुलाजिमों का फिजिकल वेरीफिकेशन कराया जा रहा था, जो पूरा कर लिया गया है। अफसरों से इस बारे बात करेंगे कि जब हाजिरी रिपोर्ट से लेकर बिल व अन्य सारी प्रक्रियाएं पूरी की जा चुकी और बिज भी भेजे जा चुके। तो अब किस जगह पर वेतन अभी पेंडिंग है। क्या मुश्किलें आ रहीं। किसी मुलाजिम को मुश्किलें नहीं आने देंगे। लापरवाही भी बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे अफसरों की हो या कंपनी की तरफ से। – जतिंदर मोती भाटिया, मेयर

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating / 5. Vote count:

No votes so far! Be the first to rate this post.

Related Articles

Leave a Comment