कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार (11 जून, 2025) को कर्नाटक में पार्टी के एक सांसद और तीन विधायकों से जुड़े परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छापों को राज्य में पार्टी को विभाजित करने की साजिश करार दिया.
उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नाम लिए बिना दावा किया कि कांग्रेस को निशाना बनाया जा रहा है और इसका उद्देश्य राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी में मतभेद उत्पन्न कर इससे फायदा उठाना है. कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि ऐसा करने वाले अपने प्रयासों में सफल नहीं होंगे क्योंकि पार्टी के सभी विधायक एकजुट हैं.
खरगे ने कहा, ‘‘मुझे विस्तृत जानकारी नहीं है. मुझे टीवी से जानकारी मिली है. स्वाभाविक रूप से, अगर ईडी ने ऐसा किया है, तो वे शुरू से ही कांग्रेस से नाराज हैं. अगर वे कांग्रेस विधायकों को निशाना बना रहे हैं, तो ऐसा लगता है कि हमारी पार्टी को विभाजित करने की साजिश है.’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यदि वे अब किसी ऐसी बात के लिए उन्हें परेशान करते हैं, जो कि चुनाव के दौरान घटित हुई थी, तो यह सही नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘इस मामले को चुनाव के दौरान ही देखा जाना चाहिए था, लेकिन एक साल, डेढ़ साल बाद, अगर वे इसे अब उठा रहे हैं, तो यह पार्टी विधायकों को विभाजित करने का प्रयास प्रतीत होता है. देखते हैं कि ईडी इस मामले को कैसे लेती है. मैं फोन पर मुख्यमंत्री से जानकारी लूंगा और देखूंगा कि क्या करने की जरूरत है.’
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को वाल्मीकि घोटाले से जुड़े कथित धन शोधन मामले की जांच के तहत बेल्लारी से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य ई. तुकाराम और पार्टी के तीन विधायकों से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की कार्रवाई की.
उन्होंने बताया कि बेल्लारी में पांच और बेंगलुरू शहर में तीन परिसरों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है. इनमें तुकाराम और विधायकों नारा भरत रेड्डी (बेल्लारी शहर), जे एन गणेश (कांपली) और एन टी श्रीनिवास (कुडलिगी) के आवास शामिल हैं.
ईडी यह कार्रवाई कॉरपोरेट के धन के दुरुपयोग के आरोप की जांच के तहत कर रही है. इस बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा, ‘वे ऐसा कह सकते हैं. यह मामला ईडी पर छोड़ दिया गया है. मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं करूंगा. इस तरह की जांच होती रहती है. चुनाव के दौरान करोड़ों रुपये जब्त किए जाते हैं. यह कहां है? यह किसका है? अभी तक चीजें सामने नहीं आई हैं. तब सभी पार्टियों से धन जब्त किया गया था. वह धन कहां है?’
खरगे ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि हर कोई जानता है कि चुनाव के दौरान कौन कितना खर्च करता है. उन्होंने कहा, ‘‘वे विशेष रूप से एक पार्टी (कांग्रेस) को निशाना बनाते हैं, क्योंकि अगर वे इस पार्टी को परेशान करते हैं, तो स्वाभाविक रूप से अंदर मतभेद होंगे. उन्हें लगता है कि इससे उन्हें फायदा होगा; लेकिन यह असंभव है. उनके सभी उत्पीड़न के बावजूद, हमारे सभी विधायक एकजुट हैं और यह कर्नाटक में कोई नई बात नहीं है… मैं जांच पूरी होने तक और अधिक टिप्पणी नहीं करना चाहता.’
सूत्रों ने कहा कि यह छापेमारी इस आरोप पर सबूत जुटाने के लिए की जा रही है कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (केएमवीएसटीडीसी) के खातों से निकाले गए धन का इस्तेमाल पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान बेल्लारी सीट के मतदाताओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नकदी वितरित करने के लिए किया गया था.
कर्नाटक में कांग्रेस सांसद और विधायकों पर ईडी के छापे पार्टी के विभाजन की ‘साजिश’, बोले खरगे
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